वन्यजीव अपराध नियंत्रण एवं वन्यजीव अधिनियम सम्बधित कार्यशाला का आयोजन बुद्धवार को आईटीबीपी मातली में आयोजित किया गया l इस अवसर पर गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पाण्डेय ने गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क का परिचय देते हुए कार्यक्रम के उददेश्यों से अवगत कराया कि यह कार्यशाला विशेष कर गंगोत्री परिक्षेत्र में वन्यजीव अपराध , वन्यजीव तस्करी , अंगों की पहचान के विषयों में फंटलाइन स्टाफ की क्षमता विकास हेतु आयोजित की गई है l कार्यक्रम में आईटीबीपी, वन विभाग , पुलिस विभाग , गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी सहित कुल 141 फ्रंटलाईन स्टाफ उपस्थित रहे । कार्यक्रम के दौरान उप निदेशक वन्यजीव काईम कंट्रोल ब्यूरो ,उत्तर क्षेत्र , नई दिल्ली से आये हुये रितेश सरोठिया एवं अर्नव बासू द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर वन्यजीव अपराध एवं तस्करी के अवलोकन पर जानकारी दी उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में पायी जाने वाली वन्यजीवों की तस्करी उनकी पहचान के बारे में फ्रंटलाईन स्टाफ को अवगत कराया l
इस दौरान अर्नव बासू द्वारा वन्यजीवों के अंगों की तस्करी पहचान हेतु उनके द्वारा लाये गये वन्यजीव अंगों के सेम्पलों के माध्यम से फ्रंटलाईन स्टाफ को हेंन्डस ऑन ट्रैनिंग दी गई है । कार्यक्रम के तीसरे सत्र में ट्रैफिक इंण्डिया नई दिल्ली से आये हुये डा० मरवीन फनाडिस द्वारा सिक्योर हिमालय के तहत में गंगोत्री क्षेत्र में किये गये वन्यजीव अपराध एवं तस्करी के अध्ययन के परिणामों को साझा एवं अवगत कराया गया । उन्होंने अपने प्रस्तुतिकरण में स्थानीय वन्यजीव की तस्करी के स्थानीय और राष्ट्रीय /अंतराष्ट्रीय मार्गों (रूटों) के बारे में फ्रंटलाईन स्टाफ को अवगत कराया । कार्यक्रम के अंत में आईटीबीपी कमाडेन्ट 12 वीं वाहिनी मातली अभिजीत समियाल द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों की प्रशंसा की गई l उन्होंने कहा कि भविष्य में वन्यजीव अपराध नियंत्रण हेतु आईटीबीपी के द्वारा सहयोग दिया जायेगा l यह कार्यक्रम हमारे जवानों में वन्यजीव अपराध के विषय पर क्षमता विकास करेगा ।
कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी , गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क प्रताप सिंह पंवार एवं वन क्षेत्राधिकारी बाडाहाट रेंज शंकरानंद भटट , आदि उपस्थित रहे ।