देहरादून। अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट विधानसभा में अब 15 फरवरी को पेश होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 फरवरी को रुद्रपुर दौरे के मद्देनजर बजट पेश करने की तिथि में बदलाव पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मुहर लग सकेगी।
लोकसभा चुनाव से पहले लाए जा रहे इस बजट में सरकार की नई घोषणाओं की झलक तो होगी ही, लेकिन वित्तीय अनुशासन टूटने नहीं देने की पूरी तैयारी की गई है। अलबत्ता विकास कार्यो के लिए केंद्र की मोदी सरकार के दिखाए रास्ते पर ही बढ़ने का इरादा नए बजट में जाहिर होगा। खासतौर पर किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार भी ज्यादा भरोसा जताने जा रही है।
लोकसभा चुनाव के साये में पेश किए जा रहे नए बजट को करमुक्त और लुभावन बनाने की रणनीति को अंजाम दिया जा चुका है। आम मतदाताओं को साधने की इस कवायद के साथ ही बजट में वित्तीय अनुशासन कायम रखने के भी बंदोबस्त नजर आएंगे।
राज्य के बजट का बड़ा हिस्सा कार्मिकों वेतन, भत्तों, मानदेय, पेंशन पर खर्च हो रहा है। हाल में सातवें वेतनमान के भत्तों की वजह से सरकार 254 करोड़ के अतिरिक्त बोझ का प्रावधान भी नए बजट में करेगी।
गैर विकास मदों पर बड़ा बजट खर्च होने के चलते सरकार की चिंता विकास कार्यो के कम होते बजट पर है। इसे ध्यान में रखकर भविष्य की रणनीति कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों पर फोकस कर तैयार की जा रही है।
लिहाजा किसानों को राहत देने के लिए ब्याजमुक्त ऋण के साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए भी बजटीय प्रावधान दिखेगा तो राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस प्रोग्राम पर खास ध्यान देने पर जोर दिया गया है।
विकास कार्यो की जरूरत पूरा करने के लिए केंद्रपोषित योजनाओं के साथ ही बाह्य सहायतित योजनाओं पर राज्य की निर्भरता अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रहनी तकरीबन तय है। कृषि विपणन को बढ़ावा देने के लिए ग्रोथ सेंटर को विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान दिखाई दे सकता है।
अहम केंद्रपोषित योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन पर राज्य की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का दारोमदार रहने वाला है।
उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना और औद्योगिक विकास खासतौर पर एमएसएमइ सेक्टर को प्रोत्साहन देने की नीति पर सरकार का जोर रहने जा रहा है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 फरवरी को रुद्रपुर दौरे को देखते हुए विधानसभा में 14 फरवरी के स्थान पर 15 फरवरी को नया बजट पेश किया जा सकता है।
संपर्क करने पर वित्त, विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि बजट को 14 फरवरी को पेश नहीं किया जाएगा। बजट पेश करने की तिथि कार्यमंत्रणा समिति में तय कर दी जाएगी।