उत्तरकाशी। कृत्रिम बुद्धिमता सम्भाव्यता एवं सारोकार विषय पर आयोजित ब्लाक स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी राइंका डुंडा में हुई। विज्ञान संगोष्ठी में डुंडा ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों से आये 17 बाल वैज्ञानिकों ने पावर प्वाइंट व पोस्टर प्रजेंटेशन के साथ लिखित परीक्षा में प्रतिभाग किया। जिसमें राइंका डुंडा की छात्रा उर्वशी ने प्रथम तथा राइंका धौतरी के छात्र सचिन ने प्राप्त किया। जबकि राइंका बौन पंजियाला की छात्रा मानसी तीसरे स्थान पर रही।
मंगलवार को राइंका डुंडा में आयोजित ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी का शुभारंभ संयोजक निर्मल शाह एवं ब्लाक समन्वयक गीतांजलि जोशी, सह समन्वयक अनिल बिष्ट ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर शहा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में वैज्ञानिक इसके अच्छे और बुरे परिणामों को लेकर समय-समय पर विचार-विमर्श करते रहते हैं। इसके आने से सबसे बड़ा नुकसान मनुष्यों को ही होगा, क्योंकि उनका काम मशीनों से लिया जाएगा, जो स्वयं ही निर्णय लेने लगेंगी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया। तो वे मानव सभ्यता के लिये हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में इनके इस्तेमाल से पहले लाभ और हानि दोनों को संतुलित करने के आवश्यकता होगी। विज्ञान शिक्षक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वास्तव में मददगार हो सकता है, लेकिन बच्चों के लिए इसके कुछ खतरे भी हो सकते हैं।
इस अवसर पर अनिल नौटियाल, मनोरमा नौटियाल, बबीता अग्रवाल, डा. राजेश जोशी, मार्गदर्शक शिक्षक बबेन्द्र जोशी, आशा रतूड़ी, सुनील, शीला, कविता भंडारी, कुलदीप सिंह पंवार, विपिन सेमवाल, विजय प्रकाश गौड़ आदि उपस्थित थे।
6 – राइंका ड़ुंडा में आयोजित विज्ञान संगोष्ठभ् में प्रतिभाग करते छात्र एवं शिक्षक