उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजिनियर्स एसोसिएशन द्वारा अपनी 15 सूत्रीय मांगों के समर्थन में किये जा रहे आंदोलन के क्रम में आज प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया ।
एसोसिएशन के केन्द्रीय अध्यक्ष जी एन कोठियाल एवं केन्द्रीय महासचिव जेसी पंत ने विस्तारपूर्वक अपनी मांगों को मीडिया के समक्ष रखा ।
केन्द्रीय अध्यक्ष जी एन कोठियाल ने अपनी समस्त मांगों को जायज बताते हुए कहा कि प्रबंधन द्वारा जूनियर इंजिनियर्स संवर्ग के साथ लगातार पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है । संवर्ग के अवर अभियंताओं को विभागीय कार्य करने के लिये उप खण्ड अधिकारी के पद का अतिरिक्त कार्यभार तो दे दिया गया है, परन्तु कार्मिकों के सेवानिवृत्त होने से सीटें खाली होने के बावजूद भी रिक्त पदों पर प्रोन्नत्ति नहीं की जा रही है । फील्ड के अवर अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं के पास एक से अधिक कार्यालयों का अतिरिक्त प्रभार होने से उनके ऊपर अतिरिक्त कार्यबोझ है , जिससे उनकी व्यक्तिगत एवं सामाजिक दिनचर्या अव्यवस्थित हो गयी है। इससे सदस्यों में भारी रोष व्याप्त है ।
श्री कोठियाल ने बताया कि ऊर्जा निगमों के अवर अभियंता आपातकालीन सेवा होने एवं पब्लिक से सीधे जुड़े होने के कारण लगातार चौबीस घन्टे कार्यस्थल से जुड़े रहते हैं , इसी वजह से उनका वेतनमान राजकीय सेवाओं के अवर अभियंताओं की अपेक्षा अधिक होता था , परन्तु छठवें वेतन आयोग में ऊर्जा के अवर अभियंताओं का वेतन राजकीय सेवाओं के अवर अभियंताओं से कम हो गया, साथ ही अवर अभियन्ताओं को मिलने वाली दो प्रारंभिक वेतनवृद्धि भी उनसे छीन ली गयी है , जिस कारण से वेतनमान का यह अंतर कुल 10000/- रुपये प्रतिमाह से अधिक हो गया है ।
श्री कोठियाल ने रोष जताते हुए कहा कि प्रबन्धन द्वारा हर बार मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया जाता है एवं उसके बाद गेंद शासन के पाले में फेंक दी जाती है । इससे एसोसिएशन के सदस्य हर बार अपने को छला हुआ महसूस करते हैं ।
केन्द्रीय महासचिव जे सी पंत ने कहा कि – यूजेवीएन में सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर डीपीसी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद आदेश निर्गत नहीं किये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि प्रबंधन द्वारा एसोसिशन की जायज मांगों पर समय रहते कार्यवाही ना करके संवर्ग के सदस्यों को लगातार हतोत्साहित किया जा रहा है, जबकि एसोसिएसन के सदस्य सम्पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ अपने विभागीय दायित्वों का निर्वाहन कर रहे हैं ।
महासचिव ने कहा कि उत्तराखंड शासन के समस्त विभागों में अवर अभियंता से सहायक अभियंता का प्रोन्नत्ति कोटा 58.33% है, सिर्फ ऊर्जा के तीनों निगमों में ही यह कोटा 48.33% है । इस संबंध में प्रबंधन एवं शासन से वार्ता होने के पश्चात अन्य प्रदेशों की स्थिति से भी प्रबंधन को अवगत कराया जा चुका है ।
मांगों मे
एसीपी में 9/5/5 की पूर्व व्यवस्था को बहाल किया जाना,
तीनों निगमों में स्थानांतरण एवं तैनाती की पारदर्शी व्यवस्थालागू किया जाना, यूपीसीएल एवं पिटकुल में अवर अभियंता के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती किया जाना, यूपीसीएल में प्रभारी व्यवस्था समाप्त किया जाना एवं सेवानिवृत्त कार्मिकों को प्रतिमाह सात तारीख तक पेंशन भुगतान सुनिश्चित किया जाना आदि हैं ।
वार्ता में रविन्द्र सैनी, संदीप शर्मा, राजीव खर्कवाल, प्रमोद भंडारी, मनीष पांडे, पवन रावत, जगपाल, एस के सैनी, बी के जोशी, अरविन्द त्रिपाठी, राकेश कुमार, आरिफ अली, दानिश, राजेश जोशी, महावीर पंवार, विमल कुलियाल, बबलू सिंह, मुकेश आदि मौजूद रहे ।