नई दिल्ली । वर्ल्ड वाइड वेब यानी ‘www’ के जनक माने जाने वाले टिम बर्नर्स ने ‘www’ के 30 साल पूरा होने के मौके पर वर्ल्ड वाइड फाउंडेशन के ब्लॉग के जरिए इंटरनेट से होने वाले खतरे के बारे में बताया है। आपको बता दें कि आज से ठीक 30 साल पहले वर्ल्ड वाइड वेब ‘www’ की शुरुआत हुई थी। इस मौके पर दुनिया की जानी-मानी सर्च इंजन कंपनी Google ने अपने डूडल के जरिए टिम बर्नर्स ली को याद किया है। आज से 30 साल पहले टिम बर्नर्स ली ने वेब को इन्वेंट किया और पहला वेब क्लाइंट सर्वर और सर्वर तैयार किया।
टिम बर्नर्स ली को सर टिम के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने वर्ल्ड वाइड फाउंडेशन के ब्लॉग में इंटरनेट के तीन सबसे बड़े खतरे के बारे में लिखा है। अगर, आपको हम आसान भाषा में समझाएं तो इंटरनेट का इस्तेमाल आज के दौर में डायनामाइट की तरह हो गया है। डायनामाइट का आविष्कार माइनिंग को आसान बनाने के लिए किया गया था, लेकिन आज के दौर में इसका इस्तेमाल भारी मात्रा में गलत काम के लिए किया जाने लगा है। ठीक उसी तरह इंटरनेट का आविष्कार सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिए किया गया था, जिसका बाद में साइबर क्राइम के तौर गलत इस्तेमाल किया जाने लगा है।
सर टिम ने ‘www’ के तीस साल पूरा होने पर लिखा है, वेब आज के दौर में पब्लिक स्क्वॉयर, लाइब्रेरी, डॉक्टर ऑफिस, शॉप, डिजाइन स्टूडियो, ऑफिस, सिनेमा, बैंक एवं कई सेवाओं के लिए आवश्यक हो गया है। सर टिम ने कहा है कि कैंब्रिज अनालिटिका स्कैंडल के बाद लोगों को ये रियलाइज हो गया है कि उनका डाटा किस तरह मैनुप्यूलेट किया जा सकता है। हालांकि उनका ये भी मानना है कि हैकिंग, डाटा ब्रीच और गलत जानकारियों से लड़ा जा सकता है और इसे ठीक भी किया जा सकता है।
सर टिम ने ही पहली वेबसाइट भी डिजाइन की थी। 20 दिसंबर 1990 को NeXT कंप्यूटर पर इन्होंने दुनिया की पहली वेबसाइट लाइव किया था। हालांकि, इसे अगस्त 1991 में आम लोगों के ले लाइव किया गया। उन्होंने आगे कहा, ‘हाल के दिनों में इंटरनेट यूजर्स के लिए ये ज्यादा अच्छा नहीं रहा है, लकिन भी ज्यादा देर नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कह है कि ट्रंप और ब्रेग्जिट इलेक्शन्स के बाद लोग अचानक से हौरान हो गए, उन्हें लगा कि ये वेब जिन्हें वो अच्छा समझ रहे थे असल में ये मानवता को अच्छे ढंग से सर्व नहीं कर रहा है। सर टिम बर्नर्स ली ने अपने ब्लॉग के माध्यम से ये तीन सोर्स बताए हैं जो मुख्य तौर पर वेब को प्रभावित कर रहे हैं।
- स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकिंग और अटैक्स,
- क्रिमिनल बिहेवियर और
- ऑनलाइन हैरेसमेंट