नई दिल्ली, लोकसभा में पास कराने के बाद सरकार तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को राज्यसभा में इसे पेश करेगी। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद दोपहर 12 बजे बिल पेश करेंगे। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किय है। वहीं बीजेडी ने तीन तलाक बिल को समर्थन देने की बात कही है।
क्या है बिल में प्रावधान
इस बिल में तत्काल तीन तलाक को अपराध माना गया है और ऐसा करने वाले मुस्लिम पुरुषों को सजा देने का प्रावधान किया गया है। कई विपक्षी दल इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह बिल लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक जैसी पार्टियों की मांग है कि इसे समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाए।
खास बात यह है कि निचले सदन के विपरीत सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में इसे पारित कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि यहां पर उसे बहुमत प्राप्त नहीं है। भाजपा के लिए मुश्किल यही खत्म नहीं होती है। जदयू जैसे राजग के कुछ सहयोगी दलों ने भी इस बिल पर अपनी आपत्ति जताई है।
बहरहाल, भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसने बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से पिछले सप्ताह आरटीआई विधेयक राज्यसभा में पारित कराया था। तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भी भाजपा को इन दलों से समर्थन की फिर से उम्मीद है।