ज्योतिष शास्त्र में माल और व्यापारियों का स्वामी और रक्षक माना जाता है। इस साल के बारे में स्पष्ट समझ लें कि ये अर्थ, व्यापार आैर व्यवसायियों के लिए अत्यंत लाभदायक माना जा रहा है इसीलिए साल का दूसरा दिन बुधवार होने से इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बुद्ध को एक शुभ ग्रह माना जाता है। हांलाकि किसी हानिकर या अशुभकारी ग्रह के संगम से यह हानिकर भी हो सकता है। बुध, मिथुन एवं कन्या राशियों का स्वामी है। ये कन्या राशि में उच्च भाव में स्थित रहता है जबकि मीन राशि में नीच भाव में रहता है। यह सूर्य और शुक्र के साथ मित्र भाव से, चंद्रमा से शत्रुतापूर्ण और अन्य ग्रहों के साथ तटस्थ रहता है। यह ग्रह बुद्धि, संचार, विश्लेषण, चेतना, विज्ञान, गणित, व्यापार, शिक्षा और अनुसंधान का प्रतिनिधित्व करता है। सभी प्रकार के लिखित शब्द और सभी प्रकार की यात्राएं बुध के अधीन मानी जाती हैं। बुध तीन नक्षत्रों का स्वामी है अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती। हरा रंग, धातु में पीतल और रत्नों में पन्ना बुद्ध को प्रिय हैं।
राशियों पर नव वर्ष का असर
मेष राशि: शिक्षा में सफलता। वृष राशि: रुके हुए कार्य पूर्ण। मिथुन राशि: शुभ आैर मांगलिक कार्य पूर्ण होंगे आैर नौकरी में तरक्की होगी। कर्क राशि: आर्थिक उतार चढ़ाव आैर कार्यों में कुछ नुकसान। सिंह राशि: नवीन व्यापार होगा आैर बेरोजगारी दूर होगी। कन्या राशि: विरोधी परास्त होंगे, धन की प्राप्ति होगी आैर शादी विवाह में सफलता मिलेगी। तुला राशि: स्वास्थ्य में गड़बड़ी, मानसिक तनाव आैर धन हानि हो सकती है। वृश्चिक राशि: शुभ समाचार, नौकरी संबंधित विवाद में विजय मिलेगी। धनु राशि: विदेश यात्रा का संयोग आैर मांगलिक कार्यों में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा। मकर राशि: व्यापार में हानि आैर नौकरी में विवाद की संभावना। कुंभ राशि: संतान प्राप्ति का सुख आैर नवीन वाहन का योग बन रहा है। मीन राशि: अतिथि का आगमन, मांगलिक कार्य आैर गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है।
कौन हैं बुध
बुध हल्के स्वभाव के, सुवक्ता और एक हरे वर्ण वाले कहलाते हैं। उन्हें कृपाण, फ़रसा और ढाल धारण किये हुए दिखाया जाता है और वे पंखों वाले सिंह पर सवारी करते हैं। एक अन्य रूप में इन्हें राजदण्ड और कमल लिये हुए उड़ने वाले कालीन या सिंहों द्वारा खींचे जा रहे रथ पर आरूढ दिखाया जाता है। बुध का राज बुधवार के दिन पर रहता है। हिन्दी, उर्दु, तेलुगु, बंगाली, मराठी, कन्नड़ और गुजराती भाषाओं में सप्ताह के तीसरे दिवस को बुधवार कहा जाता है। पुराणों के अनुसार बुध का विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ था।