केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बृहस्पतिवार को पब्लिक सेक्टर बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। इस बैठक के दौरान बैंकों के विलय को लेकर हाल में किये गए सरकार के फैसले, आर्थिक विकास को गति देने के लिए किये जाने वाले उपायों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में बैंकों की भूमिको को और सशक्त करने के लिए सरकार ने पिछले महीने के आखिर में दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी।
बैंकों के विलय पर हो सकती है चर्चा
वित्त मंत्री ने 30 अगस्त को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि इस मेगा मर्जर के साथ देश में पब्लिक सेक्टर बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। सरकार की इस घोषणा के बाद ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। इससे देश के दूसरे सबड़े बैंक का गठन होगा।
इसके साथ ही केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक के विलय से देश के चौथे सबसे बैंक का गठन होगा। इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के विलय से पांचवें सबसे बड़े बैंक का गठन होगा। वहीं इंडियन बैंक एवं इलाहाबाद बैंक के विलय के साथ देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक बनेगा।
सरकार का मानना है कि बड़े बैंकों के पास अधिक पूंजी होगी और वे ज्यादा-से-ज्यादा लोन दे पाएंगे और वे ज्यादा बड़ा शॉक अब्जार्ब कर सकते हैं। इस बैठक के दौरान सरकार विलय को लेकर बैंकों से फीडबैक प्राप्त करेगी। इसके अलावा विलय की रणनीति एवं समयसीमा को लेकर भी चर्चा किये जाने की संभावना है।
दूसरी तरफ चार बैंक यूनियनों की ओर से दो दिन की हड़ताल के आह्वान पर भी चर्चा हो सकती है। बैंक यूनियनों ने 25 सितंबर की मध्यरात्रि से दो दिन की हड़ताल की घोषणा की है।
सरकार के उपायों पर बैंकों के कदमों की हो सकती है समीक्षा
इसके अलावा सीतारमण नीतिगत दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वालों को देने के लिए बैंकों की ओर से उठाये गए कदमों की समीक्षा भी कर सकती हैं। इसके अलावा पिछले एक माह में एनबीएफसी और एचएफसी कंपनियों के लिए सरकार की ओर से किये गए उपायों पर बैंकों के रुख पर भी चर्चा की जा सकती है।