वाराणसी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भारत के विरुद्ध गृहयुद्ध भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए दाखिल प्रार्थना पत्र को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने निरस्त कर दिया।
सारनाथ के तिलमापुर के पूर्व प्रधान नागेश्वर मिश्र ने राहुल गांधी के खिलाफ बीते 26 सितंबर को अदालत में वाद दाखिल किया था। उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की मांग की थी।
अदालत ने आदेश में कहा कि प्रार्थी की ओर से जिस बयान के आधार पर विपक्षी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की प्रार्थना की गई है, वो बयान विपक्षी द्वारा अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान दिया जाना बताया गया है।
प्रार्थी ने नियमों के तहत अभियोग पंजीकृत कराने के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र के साथ केंद्रीय सरकार की पूर्वअनुमति प्राप्त करने का कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया। अत: प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।
नागेश्वर ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया था कि राहुल गांधी ने अमेरिका में बीते 11 सितंबर को भारत में सिखों के असुरक्षित होने का बयान दिया था।
उनके बयान को देश में गृह युद्ध भड़काने की साजिश करार देते हुए वाद दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बीते 17 अक्टूबर को पत्रावली अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) कोर्ट को स्थानांतरित कर दी थी।
अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली
राहुल गांधी के अलावा अब्बास अंसारी से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चित्रकूट,कर्वी में दर्ज गैंगस्टर एक्ट मामले में अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। गुरुवार को अर्जी की सुनवाई टल गई।
न्यायमूर्ति समित गोपाल अर्जी की सुनवाई कर रहे हैं। याची के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट को कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़कर बहस करेंगे, किंतु उनके कनिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि सिब्बल अन्य मामले में व्यस्त हैं। सुनवाई स्थगित की जाए।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया। कहा कि अर्जी 18 दिन देरी से दाखिल की गई है और याची अधिवक्ता के अनुरोध पर सुनवाई टाली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह में अर्जी तय करने का निर्देश दिया है। इस क्रम में सुनवाई हो रही है।