ठांडी गांव की गर्भवती महिला संतोषी को 09 माह तक नही लगा कोई टीका

– रक्त की कमी,व बिना टीकाकरण के बाद भी चिकित्सकों ने सुरक्षित करवाया प्रसव
– बिना टीकाकरण व जांच की गर्भवती महिला का चिकित्सकों ने कराया सुरक्षित प्रसव
उत्तरकाशी। जिला महिला अस्पताल में बिना टीकाकरण, जांच व खून की कमी से ग्रसित एक गर्भवती महिला का संविदा पर तैनात महिला चिकित्सक डा. शमा ने सुरक्षित प्रसव करवाया है। वहीं प्रसव होने के बाद जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य है। जिन्हें सोमवार को अस्पातल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया है। वहीं दूसरी ओर महिला का टीकाकरण न होने पर आशा, एएनएम सहित अन्य कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। जिन्होंने 09 माह तक महिला को ट्रेक तक नही किया।
जिला महिला अस्पताल में तैनात डा. शमा ने बताया कि गत शुक्रवार सांय को ठांडी गांव की गर्भवती महिला संतोषी पत्नी भगत सिंह उम्र 30 वर्ष प्रसव पीड़ा के साथ अस्पताल पहुंची। जहां महिला को भर्ती करा दिया गया। स्वास्थ्य परीक्षण करने पर जानकारी मिली कि महिला को 09 माह में एक भी टीका नही लगाया गया। वहीं महिला का लीवर फंक्शन खराब होने के साथ ही महिला का हिमो ग्लोविन भी 05 ग्राम था। इसी परिस्थिति में महिला व उसके बच्चे को बड़ा खतारा था। लेकिन परिजनों के आग्रह पर महिला चिकित्सक ने डा. समा ने रिस्क लिया और रक्त चढ़ाने के बाद अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ही महिला की सुरक्षित डिलवरी करवाई। इसके बाद तीन दिन तक महिला को कड़ी निगरानी में रखकर उपचार किया और सोमवार को उन्हें अस्पातल से डिस्चार्ज कर दिया। बताया कि इस कार्य में उनके साथ एनीथिसिया डा.अभिषेक नौटियाल सहित नर्सिंग स्टाफ ने काफी मदद की।
…………………………..
टीकाकरण में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही आई सामने
उत्तरकाशी। बिना टीकारण व जांच के प्रसव के लिए पहुंची 30 वर्षीय संतोषी को 09 माह तक टीकारण व जांच क्यों नही की गई तथा उसे ट्रेस क्यों नही किया गया। इस पर आशा कार्यकत्री सहित अन्य संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापररवाही सामने आई है। जिसके कारण महिला की जान खतरे में आ गई थी। टीकाकरण व समय पर स्वास्थ्य परीक्षण न करवाने पर महिला में खून की कमी, लिवर इन्फेंक्शन सहित अन्य खामियां जांच में पाई गई। इस परिस्थिति में महिला व उसके बच्चें की जान खतरे में आ गई थी और चिकित्सकों को आईसीयू में प्रसव करवाना पड़ा।

इनका कहना –
महिला की क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए यदि रेफर करते तो महिला की जान जा सकती थी। लेकिन चिकित्सक व मेडिकल टीम की कड़ी निगरानी के बीच किसी तरह महिला की जान बच गई। टीकाकरण में यदि लापरवाही हुई है तो संबंधित कर्मचरियों के विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए। –
डा. प्रेम पोखरियाल, सीएमएस उत्तरकाशी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *