मांगों को लेकर आंदोलनरत राज्य कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर जताया विरोध

देहरादून। दस सूत्रीय मांग को लेकर आंदोलनरत राज्य कर्मचारियों का चरणबद्ध आंदोलन मंगलवार से शुरू हो गया। पहले चरण में कर्मचारी बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जताया। अन्य चरण में कैंडल मार्च व जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपो कार्यक्रम होगा। इस दौरान राज्य कर्मचारी सरकार को अपनी ताकत का अहसास भी कराएंगे। कर्मचारियों ने साफ किया कि उन्होंने सीएम पर विश्वास जताते हुए आंदोलन स्थगित किया था, लेकिन अब यदि समय रहते कोई निर्णय नहीं हुआ तो वे प्रदेशव्यापी महारैली से पीछे नहीं हटेंगे। मंगलवार को विकास भवन में विभिन्न विभागों में कर्मचारी बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जता रहे हैं। वहीं, कई कर्मचारी सरकार के डर के कारण काला फीता बांधने से बच रहे हैं।

बीते रोज यमुना कॉलोनी स्थित संघ भवन में उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति की ओर से आयोजित बैठक में समिति के संयोजक मंडल ने आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि 31 जनवरी को वित्त मंत्री प्रकाश पंत व अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ हुई अहम वार्ता में कर्मचारियों की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन मिला था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे एक बार फिर शासन के आश्वासन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

हल्‍द्वानी में काले फीते बांधकर दफ्तर पहुंचे राज्य कर्मचारी 

दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित राज्य कर्मचारियों का चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है। पहले चरण में दो दिन कर्मचारी बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे। इसी क्रम में विभिन्न विभागों के कर्मचारी मंगलवार को बाहों में काला फीता बांधकर दफ्तर पहुंचे। हालांकि इस दौरान कामकाज चलता रहा।  पिछले दिनों कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी। सीएम से हुई वार्ता के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन टाल दिया था। सरकार की ओर से किसी तरह की पहल न होते देख उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति ने चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया है। मंगलवार का ब्लॉक, राज्य कर, शिक्षा विभाग आदि कर्मचारी विरोध के चलते काले फीते बांधकर कार्यालय पहुंचे।

ये है आंदोलन की रूपरेखा: 

  • 12 व 13 फरवरी: दो दिन कर्मचारी बाहों में काली पंट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध जताएंगे। -15 फरवरी : सभी जनपद एवं शाखाओं में शाम साढ़े छह बजे कर्मचारी कैंडल मार्च निकालेंगे।
  • 24 फरवरी : सभी जनपद एंवं शाखाओं में कर्मचारी जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
  • 24 फरवरी : इसी दिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर समिति के संयोजक मंडल द्वारा प्रदेशव्यापी महारैली की तिथि की घोषणा।

ये हैं मांगे: 

  • 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी का लाभ पदोन्नत वेतनमान के साथ। शिक्षकों के लिए भी यही व्यवस्था।
  • प्रदेश में राज्यकर्मियों की सुविधा निगम, निकाय, संस्थान, प्राधिकरण पर भी लागू हो। -शिथिलीकरण नियमावली 2010 पूर्व की भांति लागू हो।
  • आवास भत्ता 8, 12, 16 प्रतिशत करते हुए अन्य भत्तों में वृद्धि हो।
  • पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
  • आयुष्मान योजना में कार्मिकों को सरकारी अस्पताल से रेफर करने की अनिवार्यता की बाध्यता समाप्त हो।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड-पे 4200 दिया जाए।
  • राजकीय वाहन चालकों को 2400 के बजाय 2800, 4200 व 4600 ग्रेड वेतन दिया जाए।
  • एक जनवरी 2006 या इसके बाद भर्ती या पदोन्नति पर शुरुआती वेतन का निर्धारण वित्त विभाग के ताजा शासनादेश के आधार पर हो।
  • आउटसोर्स कर्मियों को समान कार्य के अनुरूप समान वेतन दिया जाए।

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