एसएस,एसटी छात्रों के फर्जी प्रवेश दर्शाकर डकारे करोड़ों रुपये, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज

देहरादून। करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रेमनगर क्षेत्र के कई निजी संस्थानों के अज्ञात लोगों के खिलाफ एसआइटी ने मुकदमा दर्ज कराया है। समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेजों में अनियमितताएं सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

विदित है कि  देहरादून के कुछ स्ववित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों और हरिद्वार स्थित निजी आइटीआइ में एससी,एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसके बाद सरकार ने फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसआइटी गठित करने के निर्देश दिए थे। सरकार के निर्देश के बाद मुख्यालय की ओर से पुलिस अधीक्षक अपराध हरिद्वार टीसी मंजूनाथ के नेतृत्व में एसआइटी गठित की। एसआइटी टीम ने जब समाज कल्याण अधिकारी हरिद्वार और देहरादून से प्राप्त दस्तावेज खंगाले तो जांच में दून के करीब तीन सौ से अधिक संंस्थानों में एससी, एसटी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें से अधिकतर संस्थान प्रेमनगर क्षेत्र में बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन संस्थानों ने अपने यहां एसएस,एसटी छात्रों के फर्जी प्रवेश दर्शाया है और इन प्रवेश को आधार बनाकर समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि डकार ली।  प्रारंभिक जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद एसआइटी टीम के सदस्य इंस्पेक्टर एश्वर्यपाल सिंह ने क्षेत्र के  स्ववित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों के अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों की माने तो इसमें प्रेमनगर क्षेत्र के कई नामचीन संस्थान हैं, जो सालों से इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं।

छात्रवृत्ति घोटाले में चार संस्थानों पर कार्रवाई की तलवार

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार के चार निजी शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। एसआइटी को इन संस्थानों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल गए हैं। जल्द इनके संचालकों की गिरफ्तारी हो सकती है। खासकर हाईकोर्ट में रिपोर्ट देने से पहले एसआइटी यह कार्रवाई कर सकती है। इधर, समाज कल्याण विभाग से मिले दस्तावेजों में एसआइटी को घोटालों के प्रमाण मिलने लगे हैं। इसमें दून के कई संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में इंजीनियङ्क्षरग, मेडिकल जैसे प्रोफेशनल कोर्स कराए जाते हैं।

समाज कल्याण विभाग में करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति घोटाले की सरकार ने एक साल पहले एसआइटी जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में आइपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में जांच की जा रही है। अभी तक हरिद्वार और दून में दो मुकदमे दर्ज किए गए जा चुके हैं। इस मामले में अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट एसआइटी को अगले सप्ताह तक हाईकोर्ट में पेश करनी है। समाज कल्याण विभाग से भी एसआइटी को पर्याप्त दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों में घोटाले से जुड़े प्रमाण मिलने की बात कही जा रही है।

इसी आधार पर एसआइटी हरिद्वार के चार संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई हैं। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि इन संस्थानों में एक करोड़ से लेकर चार करोड़ रुपये तक फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति बांटी गई है। छात्रवृत्ति पाने वाले कई छात्र तो वास्तविक में कहीं पंजीकृत भी नहीं हैं। बताया जा रहा है कि सहारनपुर और दूसरे जनपदों के छात्रों का इन संस्थानों में दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई है। इसके अलावा कुछ छात्रों को फर्जी आय प्रमाणपत्र के आधार पर मेडिकल, इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के छात्रों के नाम पर ज्यादा गड़बड़ी की गई है।

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