देहरादून । नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR ) ने एक ज्ञापन शिक्षा विभाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी के नाम प्रेषित किया।
जिसमें सहस्रधारा रोड़ स्थित “दून पब्लिक स्कूल” के संचालकों द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना अचानक स्कूल को बंद करने के फैसले से स्कूल मे पढ़ रहे 300 बच्चों जिसमे 52 बच्चे RTE वाले हैं व वहां के कर्मचारियों का भविष्य संकट मे पड़ गया है ।
स्कूल प्रसाशन अभिभावकों से कोई भी बात करने को राजी नही है और न ही बच्चों की कोई व्यवस्था करने को लेकर सहमति दे रहा है । महोदया हम आपसे अनुरोध करते हैं कि दून पब्लिक स्कूल को निर्देशित किया जाए कि या तो वह अपने स्कूल मे पढ़ने वाले सभी बच्चों को कहीं और स्थानांतरित करें या फिर अपने स्कूल को अगले वर्ष बन्द करें ताकि सभी अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन समय रहते किसी अन्य स्कूल मे कर सकें।
साथ ही जो 52 बच्चे RTE वाले पढ़ रहे हैं। उनकी भी किसी अन्य स्कूल मे व्यवस्था हो सके।अवगत कराना है कि स्कूल द्वारा RTE वाले बच्चों से पहले 3000 रुपये सालाना लिए जाते थे और अब ये शुल्क 5000 रुपये कर दिए हैं।
जिसका कोई भी लिखित प्रमाण यह अभिभावकों को नही देते हैं । स्कूल प्रशासन द्वारा स्कूल खर्चे के नाम पर प्रत्येक वर्ष 5000 रुपये अभिभावकों से लिये गए हैं ।फीस वर्ष मे दो बार 900 रुपये प्रत्येक छमाही के रूप मे ली जाती है। 300 रुपये की अपनी स्कूल डायरी के अलावा । अभिभावकों से बच्चों को TC देने के नाम पर 100 रुपये प्रत्येक बच्चों से ले लिया गया हैं।
5000 रुपये और TC के समय जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है । आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया इस प्रकरण मे शिघ्र ही उचित वैधानिक कार्यवाही स्कूल के खिलाफ करने का कष्ट करें ताकि स्कूल मे अध्यनरत 300 बच्चों और दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अंधकार मे जाने से बच सके ।
ज्ञापन देने वालों मे मुख्य रूप से नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स(NAPSR) के अध्यक्ष आरिफ खान ,महासचिव सरदार हरकिशन , सचिव विशाल चौहान, अभिभावकों मे हेमंत बिजल्वाण, आनंद सिंह, बालक राम, शोभा देवी, अंजू, मनजीत कौर, बबिता, सुनीता, कृष्णा, जशोदा, बनती देवी, राजबाला, सुनीता, नारायण सिंह राणा , सरोज देवी, केला रानी, उमेश राम, पिंटू, दिनेश, चौहान, बाबूलाल, मोहम्मद कामिल, जितेन्द्र कुमार , इत्यादि उपस्थित रहे।