ऋषिकेश। AIIMS ऋषिकेश से 49 युवाओं को निकालने पर राज्य के युवा आक्रोशित हैं। पूर्व में राज्य आंदोलनकारी मंच उत्तराखंड की एक बैठक शहीद स्मारक स्थल पर आहूत की गई। जिसमें एम्स प्रशासन द्वारा लिए जा रहे नियमाविरूद्ध व उत्तराखंड जनविरोधी फैसलों को लेकर रोष प्रकट किया गया। आज भी एक सर्वदलीय बैठक ऋषिकेश में आयोजित की गई जिसमें कल से धरने के प्रस्ताव पारित किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से एम्स से निकाले गये 49 कर्मचारियों एवं नयी भर्तियों को लेकर चर्चा हुई। बैठक में एम्स प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नडडा से जांच कराने की मांग उठी।
बैठक में अधिकतर वक्ताओं ने कहा कि एम्स प्रशासन ने हाल ही में 49 कर्मचारियों को बेवजह कार्यमुक्त कर निकाल बाहर किया है। अब एम्स में नयी भर्तियों की तैयारी शुरू हो चुकी है।वक्ताओं ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब एम्स को नयी भर्ती करनी थी तो पुराने अनुभवी कर्मियों को निकालने की क्या आवश्यकता थी। वक्ताओं ने सीधे एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत पर आरोप लगाया कि रविकांत पुराने अनुभवी कर्मियों को निकाल गैरअनुभवी और गैर राज्यों के लोगों की भर्ती इसलिए कर रहे है कि उनसे मोटी कमाई की जा सके।मंच के लोगो ने कहा कि अगर रविकांत ने ऐसा किया तो रविकांत की पोल खोली जायेगी,काले कारनामों को उजागर कर किये जायेंगे।
मंच के वक्ताओं ने कहा कि एम्स निदेशक रविकांत ने सोची समझी साजिश के तहत 49 कर्मचारियों को बाहर कर नयी भर्ती की प्लानिंग की है। ताकि वे नयी भर्ती के नाम पर कमाई कर सके। उन्होंने कहा कि निदेशक की शय पर एक ही परिवार के 4-5आदमियों को रख रखा है क्यूं? उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है नयी भर्ती के लिए अपने चहेतों आवेदको को चार पांच दिन पहले ही पेपर पढवा दिया जाता है। एम्स में मेडिकल स्टोर, कंट्रकशन, वाहन स्टैंड और कैटीन सब रविकांत के खास सिपहसालारों के पास है, जिनसे निदेशक एम्स मोटी कमाई करते है। उन्होंने कहा अगर रविकांत की जांच कराई जाये तो लखनऊ तैनाती से लेकर ऋषिकेश तक सैकडों करोड़ के घोटाले सामने आ जायेगे।