देहरादून। प्रदेश में सड़क सुरक्षा के कार्यों को दुरुस्त करने के गठित कोष जमा पूंजी के लिए तरस रहा है। आलम यह है कि कोष में अभी केवल सात करोड़ रुपये ही हैं। वहीं, चिह्नित ब्लैक स्पॉट्स को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने इस कोष से 14 करोड़ रुपये की मांग कर डाली है। हालांकि, अब जल्द ही सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कोष से दी जाने वाली धनराशि के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में सड़क सुरक्षा कोष का गठन किया है। इस कोष का मुख्य स्रोत वाहनों के टैक्स के अलावा पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से काटे गए चालान का 25 फीसद हिस्सा है। इस कोष के लिए परिवहन विभाग को प्रशासनिक विभाग बनाया गया है। इस कोष में अभी केवल सात करोड़ रुपये ही हैं।
इस धनराशि से अभी पुलिस और परिवहन विभाग के लिए इंटरसेप्टर की खरीद की जा रही है। इसके अलावा एल्कोमीटर की खरीद भी की गई है। तमाम अन्य कार्य भी इसी कोष से होने हैं। इस बीच प्रदेश में चिह्नित सौ से अधिक ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने सड़क सुरक्षा कोष से बजट की मांग कर डाली है। लोनिवि ने 15 से अधिक कार्यों के लिए 14 करोड़ की मांग की है।
अब इससे कोष संचालन समिति के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल, कोष में अभी केवल सात करोड़ रुपये ही हैं, जिनमें से कुछ का भुगतान उपकरणों की खरीद के लिए किया जाना है। यदि समिति पूरा पैसा लोनिवि को दे भी देती है तब भी मांग पूरी नहीं हो सकेगी। हालांकि, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सड़क सुरक्षा समिति ही सभी प्रस्तावों को मंजूरी देती है।
ऐसे में यह प्रस्ताव भी उनके समक्ष रखने की तैयारी है। अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह का कहना है कि लोनिवि के प्रस्तावों को समिति की बैठक के समक्ष रखा जाएगा। समिति ही इस पर निर्णय लेगी।
इन कार्यों के लिए होना है कोष का इस्तेमाल
-सड़कों पर संकेत चिह्न लगाना।
-दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर आने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति करना।
-विभाग के पास उपलब्ध क्रेनों के रखरखाव करना।
-वाहन निरीक्षण पिट व ऑटोमेटेड टेस्टिंग लेन का निर्माण करना है।
-चेकिंग के लिए आधुनिक वाहन व स्पीड राडार गन व एल्कोमीटर की खरीद करना।
-यातायात शिक्षा पार्क का निर्माण नियमों का प्रचार प्रसार आदि।
नहीं मिला आबकारी महकमे से एक प्रतिशत सेस
सड़क सुरक्षा कोष की आय का एक मुख्य स्रोत आबकारी विभाग से लिया जाने वाला सेस भी है। आबकारी विभाग इस वर्ष अभी तक 2200 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल चुका है लेकिन सड़क सुरक्षा कोष को एक भी पैसा नहीं दिया है जबकि कोष संचालन समिति की ओर से कई बार रिमाइंडर भी भेजे जा चुके हैं।