मग्सीर बग्वाल की तैयारी चरम पर। आज अनघा माउंटेन एसोसिएशन की आगामी बग्वाल के आयोजन के संदर्भ में शिवलिंग रिजॉर्ट में एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई। जिसमें बग्वाल के भव्य आयोजन एवम बग्वाल को नया स्वरूप देने हेतु विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। अनघा के अध्यक्ष राघवेन्द्र उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष तीन दिवसीय बगवाल 23, 24 एवम 25 नवम्बर को मनाने का निर्णय लिया गया। बग्वाल के माध्यम से नई पीढी में संस्कृति के हस्तांतरण हेतु 23 नवम्बर को बाल भैलू प्रदर्शन का वृहद आयोजन किया जाएगा। गढ़ भाषा के सरक्षण एवम संवर्धन हेतु गढ़ औेखाण प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। 24 नवम्बर को मुख्य बग्वाल मनाई जाएगी जिसमें भैलु नृत्य के साथ_ साथ स्थानीय जनों द्वारा रासो तांदी एवम सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे । 25 नवम्बर को पारम्परिक वर्ता तोड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। अनघा के संयोजक अजय पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष बगवाल को स्व रोजगार से भी जोड़ा जाएगा जिसमें विभिन्न जनपदों एवम स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए स्थानीय उत्पादों का गढ़ बाजार का स्टॉल भी लगाया जाएगा । जिसमें देश विदेश में अपनी विशिष्ठ पहचान एवम मार्केटिंग बना चुके उत्पादों को लोग खरीद पाएंगे। इसके अतिरिक्त बग्वाल में विभिन्न शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवम खेल प्रतियोगिता के आयोजित की जाएगी । साथ ही गढ़ भोज, गढ़ संग्रहालय, प्राचीन फोटो गैलरी तथा लाइव पेंटिंग भी मुख्य आकर्षण होंगे ।बैठक में सुभाष कुमाई (सचिव), शैलेन्द्र नौटियाल ( मालगुजार), उतम गुसाईं ( कोषाध्यक्ष), कन्हैया सेमवाल, रजनी चौहान, प्रताप बिष्ट, हिमांशु शेखर जोशी, संगीता जोशी, विशाल कलुडा, कृष्णानंद बिजल्वाण, उमेद सिंह, डॉ महेंद्र परमार, गोपाल रावत, शुभम पंवार, अंकित ममगाईं,हेमराज,उमेद,पीयूष, माधव, पारस, निकिता,मानसिंह, जमुना, मोहन डबराल, सुरेंद्र गंगाड़ी, उमेश बहुगुणा आदि शामिल थे ।