देहरादून। रिस्पना नदी के किनारे चिह्नित किए गए अवैध कब्जों पर अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) भी कार्रवाई की तैयारी में है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से आगामी 30 जून तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम ने रिस्पना नदी के किनारे स्थित 27 बस्तियों में 524 अतिक्रमण चिह्नित किए थे। जिनमें से ज्यादातर रिवरफ्रंट योजना की भूमि पर पाए गए।
वर्ष 2016 के बाद किए गए इन अतिक्रमण ने 89 नगर निगम की भूमि, 12 नगर पालिका मसूरी और 11 नान जेड ए श्रेणी की भूमि हैं, जिन्हें खाली करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जबकि शेष 412 अतिक्रमण रिवरफ्रंट योजना के लिए एमडीडीए को हस्तांतरित भूमि पर पाए गए। जिन पर एमडीडीए आज से कार्रवाई करने जा रहा है। अतिक्रमण को लेकर एक सप्ताह का नोटिस भेजा जाएगा। साथ ही आपत्तियां प्राप्त होने पर उनकी दोबारा जांच भी की जाएगी।
दून में रिवरफ्रंट योजना की भूमि पर चिह्नित किए जाएंगे कब्जे
एनजीटी की ओर से नगर निगम को रिवरफ्रंट योजना के अंतर्गत आने वाली भूमि पर किए गए कब्जों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। दून में मुख्य रूप से रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारों को रिवरफ्रंट योजना के तहत विकसित करने की योजना पर वर्षों पूर्व तैयारी की गई थी, जिसके लिए शुरुआती चरण में सरकार ने पहल भी की। एमडीडीए को नदी के किनारों को विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन योजना परवान नहीं चढ़ सकी और रिवरफ्रंट योजना की भूमि पर धड़ल्ले से कब्जे होते गए।
चारधाम यात्रा के कारण नहीं मिल रही पुलिस
नगर निगम की ओर से अवैध कब्जों को नोटिस जारी किए गए थे, जिनका नोटिस पीरियड बीते 15 मई को समाप्त हो चुका है। अब इन कब्जों को हटाने की बारी है, लेकिन चारधाम यात्रा के कारण दून में अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए पुलिस नहीं मिल पा रही है।