विश्व धरोहर दिवस के सुअवसर पर गंगा आरती स्थल उत्तरकाशी में हिमालय प्लांट बैंक की पहल पर गंगा को विश्व धरोहर घोषित हो संकल्प लिया गया। गंगा आरती समिति को प्लांट बैंक ने गमले व पौधे भी भेंट किये गये। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ गंगोत्री के रावल व नगरपालिका चेयरमैन रमेश सेमवाल ने पूजा अर्चना के साथ किया। उन्होंने नगर क्षेत्र में गंगा स्वच्छता हेतु अपनी आगामी रणनीति से अवगत कराया व कहा कि गंगा नदी न केवल एक राष्ट्रीय धरोहर है, बल्कि विश्व धरोहर भी है। वह न केवल अपने सुरम्य तटों में रहने वाले लोगों के लिए जीवन और आजीविका लाती है, बल्कि उन लोगों के लिए भी बहुत प्रेरणा और मुक्ति लाती है, जो पूरे भारत और दुनिया भर से आते हैं। कार्यक्रम संयोजक डाॅ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि गंगा विश्व धरोहर घोषित हो का उचित उद्देश्य गंगा नदी को निर्मल तथा अविरल करने के साथ इसके प्रति आम लोगों में विशिष्ट संचेतना पैदा करना है। क्योंकि विश्व की अन्य विशाल नदियां गंगा की तरह दिव्यता से विभूषित नहीं है। गंगा के जल में न सिर्फ गंधक व वैक्टिरियोफेज जीवाणु बल्कि कुछ खास लवण और जड़ीबूटियां घुल जाती हैं जिससे गंगा जल अन्य पानी के मुकाबले कहीं ज्यादा शुद्ध और औषधीय गुणों से परिपूर्ण हो जाता है। ‘गंगा विश्व धरोहर घोषित हो’ विषय पर विभिन्न विद्यालयों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में सफल छात्रों को पुरस्कृत किया गया। जनपद स्तर पर जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान पर सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ के छात्र हिमांशु पंवार, द्वितीय स्थान पर राइका भंकोली के छात्र कार्तिक राणा व तृतीय स्थान सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र भास्करानन्द खंडूड़ी ने प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान पीजी कालेज उत्तरकाशी के छात्र सुहेब बेग ने, द्वितीय स्थान सरस्वती विद्या मंदिर चिन्यालीसौड़ की छात्रा अदिति रमोला ने तथा तृतीय स्थान पीजी कालेज उत्तरकाशी के छात्र सुबोध गुसाईं ने प्राप्त किया। पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल ने कहा कि गंगा के प्रति लोगों की आस्था, विश्वास, महत्ता और प्रामाणिकता को देखते हुए इसे विश्व धरोहर में शामिल होना चाहिए व इस पवित्र नदी के किनारे स्थित मंदिरों के अभिलेखीकरण को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। गंगा असंख्य जीवों और वनस्पतियों का भण्डार है। इसकी जैव विविधता का संरक्षण स्थानीय समुदाय के भागीदारी के बिना भी संभव नही है। गंगा आरती समिति के अध्यक्ष उमेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि हिंदू धर्म में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना गया है। ग्रंथों में गंगा को देव नदी भी कहा गया है। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में गंगा जल का उपयोग भी किया जाता है। सभाषद महावीर चौहान ने कहा कि भारतीय धर्मग्रंथों में ही नहीं गंगा का सम्मान सभी धर्मों और पंथों द्वारा किया जाता और इसे माता का दर्जा दिया गया है। इस अवसर पर रेडक्रास फर्स्ट एड लेक्चरर जगमोहन अरोड़ा, प्लांट के संस्थापक सदस्य रजनी चौहान, माधव जोशी, डाॅ. टी.आर. प्रजापति, कोमल असवाल, मगनेश्वर प्रसाद नौटियाल, मुरली मनोहर भट्ट, जुगल किशोर भट्ट आदि उपस्थित थे।