पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड प्रांतीय कार्यकारिणी के आहवान पर आज 01अक्टूबर 2021 को काला फीता बांधकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई। जनपद के तमाम शिक्षक कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया गया। उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2005 से उत्तराखंड के कर्मचारियों पर शेयर बाजार में निवेश पर आधारित न्यू पेंशन स्कीम थौप दी गई थी। वर्ष 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी जो हाल में सेवानिवृत्त हुए है उनको शेयर बाजार में निवेश पर आधारित पेंशन से मात्र 1000 -2000 रू के लगभग ही पेंशन मिलने से तमाम कर्मचारी आंदोलित व आक्रोशित हैं। इस स्थिति के मध्य नजर पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन उत्तराखंड को तमाम कर्मचारी शिक्षक संगठनों का समर्थन प्राप्त है। उत्तराखंड में विगत वर्षों में चलाए जा रहे चरणबद्ध आंदोलन में सैकड़ों जनप्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों एवं समाजसेवी संगठनों ने लिखित समर्थन पत्र इस संगठन को दिया है। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आंदोलन को लगातार तेज किया जा रहा हैं। कर्मचारियों का कहना है कि हमारी वेतन से कटा हुआ पैसा जो हमको पेंशन के रूप में प्राप्त होना था सरकार ने उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए शेयर मार्केट की अस्थिरता में झोंका है। जिस कारण रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को एक हजार से 15 सौ रुपए पेंशन मिल रही है। जनपदीय अध्यक्ष जय प्रकाश विजल्वाण का कहना है कि सरकार ने नई पेंशन योजना के दुषपरिणामों को जाने बिना पूंजीवादी सोच रखने वालों के प्रभाव में आकर पुरानी पेंशन खत्म की है यह देश के सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा है। शासकीय कार्यों में निजीकरण और पूंजीपतियों को बढ़ावा देना देश के संविधान की जन कल्याणकारी राज्य की संकल्पना के विपरीत है तथा यह वर्तमान सरकारों की नाकामी भी है। कर्मचारियों को मानना है कि यदि सरकार समय से सही निर्णय नहीं लेती है और कर्मचारियों की पेंशन शेयर बाजार में ही गिरवी रखती है तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। इस अवसर पर श्री शंभू प्रसाद भट्ट, श्री वृन्दावन कुमार, जगदीश प्रसाद विजलवान, यशवंत रावत, धर्मेन्द्र पडियार, डॉ पूजा उनियाल, रेवती देवी, अर्जुन चौहान, महेन्द्र रावत, नवीन नौटियाल, आत्मा राम जोशी, जय प्रकाश गौड, राजवीर रांगर, ग्रीश उनियाल, नोबेर कठेथ, उत्तम राणा, भूपेन्द्र बिष्ट, भारत भूषण नौटियाल, राम गोपाल पंवार, अमित सोनी आदि ने जनपद मुख्यालय के विभिन्न विद्यालयों एवं कार्यालयों में काली पट्टी बांध कर नयी पेंशन व्यवस्था का विरोध किया गया।