राजस्थान में एक्टिव केसों की संख्या एक लाख सात हजार से पार, जानें-किस जिले में कितने मामले

जयपुर। राजस्थान में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 14468 संक्रमित मिलने के साथ ही 59 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या चार लाख 67 हजार 875 हो गई। वहीं, मृतकों की संख्या 3389 हो गई। प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या एक लाख सात हजार 157 है। अस्पतालों में उपचार के बाद वीरवार को 3618 मरीजों को घर भेज दिया गया। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2317 कोरोना संक्रमित जयपुर, 1921 जोधपुर, 1126 कोटा, 1215 उदयपुर जिले में मिले हैं। शेष सभी 29 जिलों में तीन अंकों में मरीज मिले हैं। मृतकों में जयपुर में 11, जोधपुर में 10, कोटा में छह, उदयपुर में पांच, नागौर, सवाई माधोपुर, सिरोही, झालावाड़, झुंझुनूं जिलों में दो-दो, अजमेर, अलवर, बारां, बाड़मेर, डूंगरपुर, जालौर व सीकर में एक-एक की मौत हुई है।

इसी बीच, कोरोना महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी मांग होने से कालाबाजारी बढ़ गई है। महंगे दामों में इंजेक्शन बेचे जा रहे हैं। इसी बीच, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने वीरवार को कार्रवाई करते हुए तीन युवकों को इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार किया है। इनमें से एक तो कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद इंजेक्शन बेच रहा था। वह निजी अस्पताल में फार्मासिस्ट की नौकरी करता है। पुलिस की टीम ने बोगस ग्राहक बनकर मेडिकल की दुकानों व अस्पतालों में ऑपरेशन कर इसका खुलासा किया है। ये इंजेक्शन 15 हजार रुपये में जरूरतमंदों को बेचे जा रहे थे। इससे पहले इसी तरह के मामले में शहर के मुरलीपुरा इलाके में एक मेडिकल स्टोर के संचालक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उप अधीक्षक दिंगत आनंद ने बताया कि वीरवार को पकड़े गए तीन लोगों में राजपाल मीणा, शाहरूख खान व रामवतार यादव शामिल हैं। इधर, नाइट कर्फ्यू व सख्ती के बाद भी कोरोना पर काबू नहीं मिल रहा है। कई जिलों में नित नए मामले सामने आ रहे हैं।

स्वास्थ्यकर्मियों की चूक से दूसरी कंपनी की वैक्सीन लगी

जयपुर में कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में एक बड़ी चूक सामने आई है। यहां एक सेवानिवृत फौजी को वैक्सीन की दो अलग-अलग कंपनी की डोज लगा दी गई। शहर के मानसरोवर स्थित एक सरकारी अस्पताल में यह चूक हुई। सचिवालय विहार निवासी राजकुमार सक्सेना ने 22 मार्च को मालवीय नगर स्थित एक निजी अस्पताल में कोरोना की कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी। गुरुवार को एक माह बाद वह दोबारा वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए मानसरोवर स्थित अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल में पहुंचते ही उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि मैं कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया और कोवैक्सीन की डोज लगा दी। सक्सेना की नजर इंजेक्शन लगने के बाद जब शीशी पर पड़ी तो वे घबरा गए। उन्होंने पहली और दूसरी वैक्सीन में अंतर की बात बताई तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। हालांकि प्रदेश में टीकाकरण निदेशक डॉ. रघुराज सिंह ने कहा कि यह गड़बड़ी नए रजिस्ट्रेशन होने के कारण हुई है। दूसरी कंपनी की डोज लगवाने से कोई गंभीर नुकसान नहीं होगा। सक्सेना अब अगर चाहेंगे तो 28 दिन बाद कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवा सकेंगे। सिंह ने कहा यदि सक्सेना लिखित में शिकायत देंगे तो स्वास्थ्यकर्मियों की गलती की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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