अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड में पत्रकार उत्पीड़न की घटनायें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा घटना में अल्मोड़ा के एसएसपी पर पत्रकार के उत्पीड़न का आरोप लगा है।
आरोप है कि स्थानीय पत्रकार कपिल मल्होत्रा द्वारा सत्यपथ न्यूज में ‘शराब माफियाओं की गोद में बैठे बड़े पुलिस अधिकारी’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर जनपद के वरि0 पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा ने उन्हें अपने कार्यालय बुला कर डराया, धमकाया और उनका मोबाइल तथा कैमरा छीन लिया।
एसएसपी द्वारा पत्रकार कपिल मल्होत्रा को खबर बताने वाले सूत्र का नाम बताने के लिए ही दबाव नहीं बनाया बल्कि उन्हें डरा धमका कर माफीनामा लिखने के लिए भी बाध्य किया। पत्रकार को खबर के सूत्र का नाम न बताने और माफीनामा न लिखने पर चरस सहित अन्य मामलों की संगीन धाराये लगाकर गिरफ्तार करने की धमकी भी दी गई।
कथित माफीनामा जिस पर पत्रकार कपिल मल्होत्रा के हस्ताक्षर भी नहीं हैं को, पुलिस मीडिया प्रभारी हरीश पन्त द्वारा एस0एस0पी0 के व्हाट्सएप ‘एस0पी0 मीडिया ग्रुप’ में वायरल किया गया।
पत्रकार के साथ हुई इस घटना की राज्य के प्रमुख मीडिया संगठन नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं महासचिव सुरेश पाठक और प्रदेश सगठंन मंत्री श्रवण कुमार , प्रदेश उपाध्यक्ष अजय सरल, प्रदेश कार्यकारणी सदस्य पंकज गोयल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच करा कर आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि एक जिम्मेदार आईपीएस अधिकारी द्वारा पत्रकारों को डराने, धमकाने, उनका मोबाइल व कैमरा छीनने, डरा धमका कर गलत मंशा से माफीनामा लिखवाने और सोशल मीडिया में छवि को धुमिल कर उन्हें अपमानित करने का कृत्य निहायत ही निन्दनीय, आपत्तिजनक एवं विधि विरूद्ध है।
पत्रकार उत्पीड़न की घटना से अल्मोड़ा के पत्रकार भी इतने आक्रोशित हैं कि उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर चुनाव बाहिष्यकार तक की धमकी दे डाली है।
इस घटना से जनपद अल्मोड़ा ही नहीं राज्यभर के पत्रकारों में जहॉं वरि0 पुलिस अधीक्षक के कृत्य के प्रति गहरा रोष एवं आक्रोश है वहीं पुलिस की छवि भी खराब हुयी है।
उक्त मामले में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की काशीपुर नगर इकाई के अध्य्क्ष रिज़वान अहसन , कुलदीप सिंह ,जितेंद्र सक्सेना,सुनील श्रीवास्तव, गीता चौहान, अनूप सिंह, अली अकबर, पवन बाठला, आदि समस्त सदस्यगणों और जिले उधमसिंहनगर प्रभारियों ने घोर निंदा करते हुऐ। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर प्रहार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत करने का निर्णय लिया है।