देहरादून : –निजी स्कूलों की मनमानियों को देखते हुए देश के 18 राज्यों की पेरेंट्स एशोशियशन के प्रतिनिधि राजेन्द्र भवन निकट आईटीओ दिल्ली में एकत्रित हुए जहाँ निम्न बिंदुओं पर देश की शिक्षा नीति पर चर्चा की जाएगी।
सभी ने सहमति से राष्ट्रीय स्तर पर एक पैरेंट्स एसोसिएशन गठित करने पर सहमति जताई। जिसका नाम पैरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (PAI) रखा गया।
जिसके अंतर्गत निम्न बिंदुओं में सबकी सहमति हुई।
(1) संविधान (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने भारत के संविधान में अंत: स्थापित अनुच्छेद 21-क, ऐसे ढंग से जैसाकि राज्य कानून द्वारा निर्धारित करता है, मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है।
(2) राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए चर्चा और सुझाव
(3) 12 वीं कक्षा तक आरटीई – सभी स्तरों के लिए – अभी यह प्रवेश स्तर के लिए है।हरियाणा शिक्षा अधिनियम – 134 ए पूरे भारत में लागू होना चाहिए। – छात्र किसी भी कक्षा में प्रवेश ले सकता है ।
(4) एक राष्ट्र एक शिक्षा नीति –
एनसीईआरटी / एससीईआरटी पुस्तकों का अनुपालन मद्रास / दिल्ली एच सी – केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्कूलों में समान पाठ्यक्रम लागू करना।
(5) सीबीएसई और आईसीएसई संबद्धता नियम – समिति को डिजाइन किया जाना चाहिए।ट्यूशन फीस राज्य विशेष में समान होनी चाहिए, स्कूल सुविधाओं के अनुसार अतिरिक्त शुल्क ले सकता है।
(6) एनसीपीसीआर -एनसीपीसीआर द्वारा आदेश जारी किए जाने चाहिए न कि सलाह समयबद्ध जांच पूरी की जानी चाहिए ।
(7) प्ले स्कूल या प्री स्कूल को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम
विभिन्न स्तरों में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित हो ।
(8) राज्य सरकार समयबद्ध पड़ताल – राज्य शिक्षा विभाग/ राज्य बाल संरक्षण आयोग / सीबीएसई में आयी शिकायतों पर समयबद्ध जांच।विभाग /अधिकारियों को आदेशों / परिपत्रों के अनुपालन के लिए जिम्मेदार होना चाहिए और यदि उल्लंघन में शामिल हैं, तो उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।FRC (शुल्क नियामक समिति) पदानुक्रम – राज्य स्तर, जिला स्तर (DFRC), 50% अभिभावक और निकाय सदस्य।
(9) प्ले स्कूल या प्री स्कूल को नियंत्रित करने के लिए अधिनियम
स्कूलों के लिए अपनी वेबसाइट पर ऑडिटेड वार्षिक खाता विवरण प्रकाशित करना अनिवार्य होना चाहिए ।
(10) स्कूल प्रबंधन समिति का गठन – माता-पिता की संख्या का 50% होना यानी स्कूल प्रबंधन समिति में कुल सदस्यों का आधा हिस्सा। उक्त नियम का वर्तमान स्वरूप अभिभावकों को वांछित औचित्य प्रदान नहीं करता है जो निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों में बहुसंख्यक हैं।
(11) सर्वोच्च न्यायालय के सभी आदेशों का पालन करने के लिए प्रत्येक राज्य में सुरक्षा समिति होनी चाहिए – जैसे स्कूल भवन एवं स्कूल परिवहन का गठन राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय अभिभावक निकाय।
(12) स्टेट स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के लिए स्टेट पैरेंट्स बॉडी
टीएमए पाई बनाम कर्नाटक राज्य के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में शिक्षा अधिकरण का गठन।
(13) फर्जी तरीके से चलाए जाने वाले शिक्षण संस्थानों के अल्पसंख्यक शैक्षणिक आयोग को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी करना – तथ्य की बात – हर साल स्कूल को प्रमाण पत्र लेना होता है जिसका वे पालन नहीं कर रहे हैं।
(14) स्कूलों पर नियंत्रण के लिए IPC अधिनियम लागू किया जाए ।
18 राज्यों से आये अभिभावक संघ प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करते हुए अध्यक्ष पद हेतू , : — श्रीमती शिवानी जैन, (गाजियाबाद) उपाध्यक्ष पद हेतू , :– श्री अजय रॉय, ( बिहार ) कोषाध्यक्ष पद हेतू :–श्रीमती अप्राजिता गौतम, (नई दिल्ली) सीनियर उपाध्यक्ष पद हेतू :– श्री नरेश शाह ,(झारखंड) उपाध्यक्ष पद हेतू : — श्री आरिफ खान ( उत्तराखंड ) वासुदेव भट्ट, उड़ीसा लीगल सेल हेतू : — श्री मनोज मिश्रा(उत्तर प्रदेश ) सरदार श्री हरकिशन सिंह (उत्तराखंड) को चुना गया । सभा मे उपस्थित सभी राज्यों के अभिभावकों ने सहर्ष सहमति प्रदान करी।मीटिंग मे मुख्य रूप से निम्न राज्यों के अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने भाग लिया *बिहार , छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, कश्मीर, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र ,ओडिसा, पॉन्डिचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, वेस्टबंगाल, हरियाणा* से आनंद सिंह चौधरी,आरिफ खान, अपराजिता गौतम, अजय रॉय, अजय शर्मा, आकेश भट्ट, बासुदेव भट्ट, भाविन व्यास, धर्मेंद्र ठाकुर, देवानंद रॉय,क्रिस्टोफ़र पाल,इम्तियाज,हरकिशन सिंह, पदमेंद्र सिंह नेगी, नरेश शाह, जयंती जैन, मनोज मिश्रा , शेर सिंह, एस०रमन्ने, जयचंद्रन, के०मन्नी, शिवानी जैन, सोमेन सिंह चौधरी, रंजन कुमार, शर्मा जी, मेहरा जी, रॉय जी,देव दत्त, सचिन सोनी, ए०पी०जयचंद, हरीराम, रेनबो रावत, पुनीत चौहान, विवेक कुमार वर्मा, आनन्द सिंह दरगी, परमाल सिंह,इत्यादि उपस्थित रहे।