PM Modi and President Xi Jinping meet, 11 अक्टूबर को भारत के दौरे पर आ रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत और चीन के बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए 11-12 अक्टूबर को चेन्नई जाएंगे। इस सम्मेलन के दौरान उनकी पीएम मोदी भी से मुलाकात होगी। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दोनों के बीच होने जा रही मुलाकात में अहम मुद्दा क्या होगा?, इस पर सूत्रों ने एक बड़ी जानकारी दी है।
बताया गया कि पीएम मोदी और शी चिनफिंग की इस मुलाकात में आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर वार करने की तैयारी हो रही है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि चीन और भारत के बीच आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए भी एक राय बन सकती है। वार्ता में टेररिज्म को सपोर्ट करने जैसे मुद्दे भी प्रमुख रहेंगे। इसके अलावा भी सूत्रों से पता चला है कि दिसंबर 2019 में भारत और चीन आतंक के खिलाफ साझा अभ्यास करेंगे।
अब बात यह है कि अगर आतंकवाद पर नकेल कसने से लेकर टेररिज्म को सपोर्ट करने तक पर बातचीत होगी तो इसका सीधा निशाना पाकिस्तान पर लगाया जाएगा, क्योंकि जगजाहिर है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद का रखवाला है।…और भारत दुनिया के मंच से भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर चेता चुका है। यहां तक कि भारत साफ कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आने वाले आतंकवादियों पर नकेल नहीं कसेगा तब तक दोनों देशों के बीच बातचीत संभव नहीं है।
दुनिया में आतंकवाद पर मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा। समाचार एजेंसी एएनआइ ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग के लिए जाली नोटों का उत्पादन और उसकी तस्करी करनी शुरू कर दी है। भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए वह साल 2016 से पहले नकली नोटों की तस्करी का काम करने वाले गिरोहों और रास्तों का इस्तेमाल कर रहा है।
नोटबंदी से लगी लगाम तो अनुच्छेद-370 ने बेचैनी बढ़ाई
भारत सरकार द्वारा तीन साल पहले कालेधन, फेक करेंसी और टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी की थी। सरकार के इस कदम से भारत में आतंकवाद फैला रहे पाकिस्तान के मंसूबों को करारा झटका लगा था, लेकिन जैसे ही भारत ने Article 370 को हटाया तो इससे पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई। जहां फिर एक बार पाकिस्तान ने गलत तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू किया, जिससे वो भारत को चोट पहुंचा सके।
सूत्रों के हवाले से पता चला कि पाकिस्तान ने भारतीय करेंसी के नए नोटों की हूबहू नकल बना ली है और वह इनकी तस्करी में पूरी ताकत के साथ जुट गया है। तो ऐसे में जब भारत और चीन मिलकर टेरर के ऊपर कदम उठाएंगे तो सबसे पहले नजदीक के देश पाकिस्तान पर जरूर असर पड़ेगा।