नई दिल्ली म्युचुअल फंड निवेश का एक बेहतरीन जरिया है। आम तौर पर नौकरीपेशा लोग सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए इनमें निवेश कर अपने भविष्य के लक्ष्यों के लिए धन जुटाते हैं। इक्विटी म्युचुअल फंड लंबे समय में बेहतरीन रिटर्न देते आए हैं। आज बाजार में इक्विटी म्युचुअल फंडों के अलावा भी कई तरह के म्युचुअल फंड उपलब्ध हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिनकी बदौलत आप अपने लिए अच्छे म्युचुअल फंड का चयन कर सकते हैं।
रिस्क और रिटर्न के बारे में जानें
किसी भी निवेश में पैसा लगाते वक्त अपनी रिस्क लेने की क्षमता को समझना चाहिए। आप एक रिस्क का अनुमान लगा सकते हैं जिसके तहत रिस्क मैनेजमेंट किया जा सकता है। इसके अलावा म्युचुअल फंड और अन्य मार्केट स्कीम में मिलने वाले रिटर्न की जानकारी लेनी चाहिए। रिस्क और रिटर्न की जानकारी से कोई भी व्यक्ति अपने भविष्य की योजनाओं पर ध्यान दे सकता है।
डायवर्सिफिकेशन
किसी भी व्यक्ति इसमें निवेश करने से पहले म्युचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकता है। कुछ म्युचुअल काफी अलग होते हैं, जबकि कुछ म्युचुअल फंड स्कीम एक विशेष जगह/विशेष सेक्टर/विशेष थीम में निवेश करते हैं।
अनुभवी फंड मैनेजरों की तलाश करें
म्युचुअल फंड हाउस में म्युचुअल फंड फोलियो को चलाने और मैनेजमेंट के लिए कई म्युचुअल फंड मैनेजर नियुक्त होते हैं। कई जगह म्युचुअल फंड मैनेजर्स का एक ग्रुप सिंगल म्युचुअल फंड चलाता है, वहीं कई छोटे म्युचुअल फंड स्कीमों का मैनेजमेंट एक फंड मैनेजर की तरफ से भी किया जा सकता है। किसी म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश से पहले एक अनुभवी फंड मैनेजर की तलाश करना जरूरी है।
एग्जिट लोड
एग्जिट लोड म्यूचुअल फंड हाउस की तरफ से म्युचुअल फंड यूनिट्स को भुनाने पर लगाए जाने वाली फीस है। कई म्युचुअल फंड हाउस कुछ म्युचुअल फंड स्कीम पर बहुत कम एग्जिट लोड लगाते हैं, जबकि कई म्युचुअल फंड यूनिट्स नॉन-लिक्विड एसेट्स के कारण हाई एग्जिट लोड लगाते हैं।