वाशिंगटन। पाकिस्तान में पनाह लिए हुए जैश-ए-मुुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में घेरने की तैयारी तेज हो गई हैं। खबर है कि अमेरिका, फ्रांस और यूके ने चीन के साथ बातचीत की हैं। इस बातचीत में कई समझौतों पर अच्छा विश्वास जताया जा रहा हैँ। इसमें तीनों देशों के सदस्यों द्वारा चीन से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ एक आवाज उठाने की मांग हो सकती हैं। बता दें कि बुधवार को चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में अड़ंगा डाला था। चीन ने चौथी बार अपने वीटो का इस्तेमाल कर जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को बचाया।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले, जिसमें 44 सीआरपीएफ सैनिकों ने अपनी जान गवांई थी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत फ्रांस, यूके और अमेरिका ने आतंकी अजहर को नामित करने का प्रस्ताव भेजा था। यह प्रस्ताव 27 फरवरी को भेजा गया।
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, यदि अमेरिका, फ्रांस और यूके के हाल ही में लिए गए कदम आतंकी अजहर के लिए सफल नहीं हो पाते है। तो तीन स्थायी सदस्य जल्द ही संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली विंग में चुनौती देंगे। वे UN की सबसे शक्तिशाली विंग में अपने प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगे। जिससे वो इस मुद्दे पर एक खुली बहस कर सकें।
बता दें कि भारत ने आतंकी अजहर पर चीनी रुख पर निराशा व्यक्त की थी। वहीं अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए “अन्य कार्यों” पर भी विचार करेंगे। हालांकि सुरक्षा परिषद समिति की आंतरिक परामर्श निजी रहते हैं, लेकिन इस बार आतंकवादी को बचाने के चीन के अनुचित रुख से निराश होकर अमेरिकी सदस्यों ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए मीडिया को बताया कि चीन किस प्रकार नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने बुधवार का सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “अगर चीन का रवैया ऐसे ही जारी रहा, तो जिम्मेदार सदस्य-राज्यों को सुरक्षा परिषद में अन्य कार्यों को करने के लिए मजबूर किया जा सकता है। लेकिन वहां तक बात ना पहुंचे वो बेहतर’।
पिछले 50 घंटों से चीन के साथ वार्ता में अच्छा विश्वास जताया जा रहा हैं। वहीं कई लोग इसे एक समझौता के तौर पर भी देख रहे है। यानी की अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी तो घोषित किया जाएगा, लेकिन उसे आतंकवादी घोषित करते समय इस्तेमाल की जाने वाली भाषा ऐसी होगी, जो चीन के लिए स्वीकार्य हो।
माना जा रहा है कि चीन ने आतंकवादी अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित से संबंधित कुछ भाषा में “परिवर्तन” के लिए सुझाव भेजा है। जो कि वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस उन सुझावों को देख रहे हैं। तीनों देशों ने संकेत दिया है कि यदि प्रस्ताव का मूल भाव नहीं बदलता और अंतत: अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाता है तो वे भाषा में बदलाव करने के चीन के अनुरोध को मानने के इच्छुक हैं।
लेकिन अतीत के विपरीत, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य चीन के साथ अपनी चर्चा समाप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करने को तैयार नहीं हैं।