गढ़ चित्रण, गढ़ संग्राहलय, गढ़ भोज बना अकार्षण का केन्द्र
उत्तरकाशी, अनघा माउंटेन एसोसिएशन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय मंगसीर बग्वाल कार्यक्रम शुक्रवार को मांगलगीत के साथ शुरू हो गया। कार्यक्रम के पहले दिन गढ़ चित्रण, गढ़ भाषण सहित खेल पिट्ठू गर्म, मुर्गा झपट, रस्सा कस्सी सहित अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिन्हें देखने के लिए दर्शकों का तांता लगा रहा ।
शुक्रवार को रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र अमोली ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने रामलीला मंच पर प्रदर्शित की गई गढ़ चित्रकला प्रदर्शनी, गढ़ संग्रहालय श्वेत श्याम फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि मंगशीर की बग्वाल गढ़वाल की सेना की तिब्बत विजय का उत्सव है। गंगा घाटी में मंगशीर की बग्वाल का उत्सव अपनी खास पहचान बनाता जा रहा है। जिसमें स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति, सभ्यता, पहाड़ के पारंपरिक त्योहार, बोली-भाषा से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है। शुक्रवार को मंच पर कार्यक्रम का शुभारंभ पर ममता रावत ने मांगलगीत कर की। इसके बाद मैदान में अल्पाइन पब्लिक स्कूल, राइंका कालेज के छात्र-छात्राओं सहित लोक गायक दीपक नौटियाल, कीर्ति बंसल ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए। जिन्हें देखने के लिए दर्शकों की भीड़ जुटी रही। वहीं सांय को स्कूली छात्र-छात्राओं ने कंडार देवता मंदिर से रामलीला मैदान तक सांस्कृतिक यात्रा निकाली। दूसरी ओर दिन मैदान में मुर्गा झपट, रस्सा कस्सी आदि प्रतियोगितायें आयोजित की गई। कार्यक्रम में देर सांय को बाल बग्वाल का आयोजन किया गया। जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने जमकर भैलू घुमाया और अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक अजय पुरी, अध्यक्ष राघवेन्द्र उनियाल, सुभाष कुमांई, शैलेंद्र नौटियाल, हेमराज बनूणी, रवि नेगी, उत्तम गुसाईं, अंकित मंमगाई, शैलेन्दू मटूड़ा, प्रताप सिंह बिष्ट, पृथ्वी राणा आदि मौजूद रहे।