आइये जानते है,किसे बनाया गया जम्‍मू-कश्‍मीर का पहला उप राज्‍यपाल

जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल नियुक्त किए गए 1985 बैच के आइएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वस्त माना जाता है। 2014 से पहले जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मुर्मू उनके प्रधान सचिव हुआ करते थे।

मुर्म 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस रहे हैं। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के प्रधान सचिव रहते हुए राज्य सरकार की सभी प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था। उन्‍होंने भुवनेश्‍वर की उत्‍कल यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में एमए किया। मुर्मू के पास बर्मिंघम विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री है। इसी साल एक मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें वित्त मंत्रालय में विशेष सचिव (राजस्व) पद से पदोन्नत कर व्यय सचिव बनाया था। उन्हें सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जाना जाता है।

 सूत्रों ने बताया कि साधारण तरीके से रहने वाले मुर्मू पहले राजस्व विभाग में और अब व्यय विभाग में कई महत्वपूर्ण कार्यो को संभाल संभाल रहे हैं। व्यय सचिव के रूप में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच करीबी समन्वय से काम किया है। उन्‍हें काफी सरल और जमीनी स्‍तर का आईएएस बताया जाता है। उन्हें 25 अक्टूबर 2019 को राज्यपाल सत्यपाल मलिक के स्थान पर जम्मू-कश्मीर का लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त किया गया है। सत्‍यपाल मलिक को गोवा का राज्‍यपाल बनाया गया है। वहीं राधा कृष्‍ण माथुर को लद्दाख का उपराज्‍यपाल बनाया गया है। जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाने के बाद 31 अक्‍टूबर को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख अस्तित्‍व में आएंगे। ऐसे में यह नियुक्ति काफी अहम है।

सुब्रह्मण्यम को भी मोदी ने खुद चुना था

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद-370 हटाए जाने से काफी पहले बीवीआर सुब्रह्मण्यम को जम्मू-कश्मीर का मुख्य सचिव नियुक्त किया था। छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी सुब्रह्मण्यम ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके पहले कार्यकाल में काम किया था। सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव पद के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सुब्रह्मण्यम का चयन किया था। उन्होंने भी प्रधानमंत्री को निराश नहीं किया और राज्य की कानून-व्यवस्था व पूरे प्रशासन को संभालने में उन्होंने अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया है।

ओडिशा में खुशी की लहर

भुवनेश्वर : गिरीश चंद्र मुर्मू को नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किए जाने की खबर सामने आते ही ओडिशा में खुशी की लहर दौड़ गई है। ओडिशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के वेतनटी में पैदा हुए मुर्मू ने उत्कल विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर किया है। इसके बाद उन्होंने बर्मिघम विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री ली।मोदी सरकार बनने के बाद इससे पहले ओडिशा से झारखंड के राज्यपाल के तौर पर द्रौपदी मुर्मू और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर विश्वभूषण हरिचंदन को नियुक्त किया जा चुका है।

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