ज्योतिषपीठाधिश्वर जगतगुरू शंकराचार्य ने किए मां यमुना के दर्शन

– केंद्र व राज्य सरकार को समुदाय विशेष की घनीभूत बस्तीयों के बसावट को रोकने के लिए बनना चाहिए क़ानून
उत्तरकाशी ,ज्योतिषपीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अवि मुकतेश्वरानंद जी महाराज ने सोमवार सांय को मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव पहुंचे। जहां उन्होंने मां यमुना की पूजा अर्चना की और दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चारधाम शीतकालीन यात्रा का फल ग्रीष्मकालीन यात्रा के फल से कई गुना अधिक है।
तय कार्यक्रम के अनुसार जगतगुरू शंकराचार्य महाराज सोमवार दोपहर को यमुनोत्री धाम के मुख्य पड़ाव बड़कोट पहुंचे। बड़कोट पहुंचने पर स्थानीय लोगों सहित यमुनोत्री प्रेस क्लब के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया। यहां कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय को सम्भोदित करते हुए कहा कि धामों में कभी पूजा बंद नहीं होती है। चारधाम के पट बंद होने का मतलब यात्रा का बंद होना नहीं है, भगवान की पूजा बारह महीने होती है, छह माह ग्रीष्म कालीन स्थलों पर तो छह माह शीतकालीन गद्दी स्थलों पर पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन लोगों में भ्र्म की स्थिति हो जाती है की चार धाम के कपाट बंद होने पर यात्रा बंद हो जाती है। कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा यहां के लोगों की आर्थिकी व उन्नति से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को समुदाय विशेष की घनीभूत बस्तीयों के बसावट को रोकने के लिए क़ानून बनाना चाहिए। ताकि देवभूमि की डेमोग्राफी परिवर्तित न हो। उन्होंने चिपको आंदोलन की यादों को ताज़ा करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और कहा उन्होंने गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए वर्ष 2008 में आंदोलन चलाया था। लेकिन लोगों ने उसका महत्व नहीं समझा।
इस मौके पर गौ कथा वाचक गोपाल मणि महाराज, गोपाल , मुकुंदानंद, उमेश सती, अनिरुद्ध उनियाल, उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी, नायब तहसीलदार खजान असवाल,थानाध्यक्ष दीपक कठेत,बृजेश सती, नरोतम पारीख, रमेश रावत, संजय अग्रवाल,प्रेस क्लब अध्यक्ष सुनील थपलियाल, विजेंद्र रावत, दिनेश रावत, ओंकार बहुगुणा, भगवती रतुड़ी, नितिन चौहान, जयप्रकाश बहुगुणा, उपेंद्र असवाल, मदन पैन्यूली, संजय,सहित विभिन्न प्रांतो से आये श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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