विकासनगर। जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष व जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा प्रदेश भर में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में निजी चिकित्सकों ने सात दिन से अस्पताल बंद किए हुए हैं, जिससे मरीज बेहाल हैं। लेकिन सरकार ने मामले में अभी तक हस्तक्षेप नहीं किया है। मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।
नगर के मोर्चा कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यह एक्ट न्यायालय के आदेश पर लागू हुआ है, जिनका पालन कराना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों व लचर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को एक्ट में कुछ संशोधन कर विधेयक लाना चाहिए। प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफर सेंटर बने हुए हैं, निजी अस्पताल ही मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं दे पा रहे हैं। एक्ट बहुत ही जटिल है, यदि पूर्व में स्थापित क्लीनिकों पर एक्ट लागू होता है तो निश्चित तौर पर लगभग 70-80 फीसदी निजी क्लीनिक व अस्पताल बंद हो जाएंगे। मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ देंगे। सरकार से मांग की कि नए क्लीनिकों पर सरकार एक्ट लागू करे। कहा कि अगर शराब कारोबारियों के हक में व सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के खिलाफ रातों-रात विधेयक आ सकता है तो इन क्लीनिकों के लिए क्यों नहीं। कहा कि मोर्चा निजी चिकित्सकों की मांग को लेकर लड़ाई लड़ेगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, ओपी राणा, सुशील भारद्वाज आदि मौजूद रहे।