रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को बताया कि उन्होंने अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली के साथ उपयोगी बातचीत की है और इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
रक्षा संबंधी आधिकारिक वार्ता
राजनाथ सिंह और फ्लोरेंस पार्ली ने मंगलवार रात दूसरी मंत्री स्तरीय वार्षिक रक्षा वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हितों के सामयिक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर विचार साझा किए। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘दोनों पक्षों ने रक्षा संबंधी आधिकारिक और संचालन स्तरीय वार्ता और मजबूत बनाने के रास्तों पर विचार विमर्श किया। दोनों पक्षों ने वर्तमान नियमित द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यासों (शक्ति, वरुण और गरुण) का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।’
हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और फ्रांस की साझेदारी
दोनों नेताओं ने माना कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और फ्रांस की साझेदारी क्षेत्र में साझा सामरिक और सुरक्षा हितों को संरक्षित रखने और बढ़ाने के लिए बेहद अहम है।
15 करोड़ डॉलर के निवेश की घोषणा
ल़़डाकू विमान राफेल के इंजन की निर्माता कंपनी सैफरन एयरक्राफ्ट इंजंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी [सीईओ] ओलिवियर एंड्रीज ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा है कि भारत को आकर्षक कारोबारी माहौल उपलब्ध कराना चाहिए और अपने टैक्स व सीमा शुल्क नियमों से आतंकित नहीं करना चाहिए। उन्होंने भारत में 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की घोषणा भी की।
निर्माण इकाई को दौरा किया
राजनाथ सिंह ने बुधवार को ट्वीट कर बताया, ‘फ्रांस की राजधानी पेरिस के निकट विल्लारोशे में स्थित सैफरन की इंजन निर्माण इकाई का दौरा किया। सैफरन को उसकी इंजन निर्माण क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने राफेल के लिए भी इंजन विकसित किया है। सैफरन निर्माण इकाई में काम कर रहे भारतीय मूल के कुछ युवा और प्रतिभावान इंजीनियरों से मिलकर खुशी हुई। उनका तकनीकी ज्ञान और क़़डी मेहनत प्रभावित करने वाली और प्रेरणा देने वाली है।’
राजनाथ को दिया निर्माण इकाई पर प्रेजेंटेशन
इस मौके पर कंपनी ने रक्षा मंत्री को अपनी निर्माण इकाई पर एक प्रेजेंटेशन भी दिया। इसी में कंपनी के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने प्रशिक्षण और रखरखाव के लिए भारत में निवेश की योजना का एलान किया। इसी दौरान ओलिवियर ने कहा, ‘वैमानिकी में भारत तीसरा सबसे ब़़डा बाजार बनने जा रहा है और हम अपने उपभोक्ताओं की सेवा के लिए भारत में रखरखाव और मरम्मत का मजबूत बेस बनाना चाहते हैं। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भारतीय टैक्स और सीमा शुल्क प्रणाली हमें आतंकित न करे।’
‘मेक इन इंडिया’ के तहत निवेश
इस पर रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत निवेश के लिए उचित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ सिंह ने कंपनी को अगले साल फरवरी में लखनऊ में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो के लिए आमंत्रित किया जिसे कंपनी ने स्वीकार कर लिया। बता दें कि सैफरन ने पहले ही भारत में 1.5 करो़़ड डॉलर का निवेश किया हुआ है और वह हर साल 500 इंजीनियरों को प्रशिक्षण प्रदान करती है।