स्वास्थ्य कर्मियों ने जताया एनपीएस व यूपीएस का विरोध

उत्तरकाशी। चारधाम यात्रा डयूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियो ने सोमवार को प्रांतीय कार्यकारिणी के आहवाहन पर बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कार्मिकों ने कहा कि उनका आंदोलन पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए था। लेकिन ओपीएस जैसा कोई भी प्रविधान यूपीएस में नहीं है। कहा कि सरकार की ओर से जारी यूपीएस स्कीम का वह पुरजोर विरोध करते हैं।
सोमवार को तय कार्यक्रम में अनुसार नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) से जुड़े स्वास्थ्य एवं विभागों के कर्मचारियों ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विरोध जताया। यहां हीना वेरियर के पास चारधाम यात्रा डयूटी पर तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज किया। वहीं शिक्षकों समेत अन्य विभागों में तैनात कर्मी भी काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करते रहे। एनओपीएस संगठन के मीडिया प्रभारी व फार्मेसी अधिकारी विजय पयाल ने बताया कि हमारी मांग मूल वेतन और महंगाई भत्ता को जोड़कर उसके 50 प्रतिशत पेंशन की है। यूपीएस में कर्मियों के योगदान में से केवल आखिर के छह माह के मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। जिसका वह विरोध करते हैं। कहा कि एनएमओपीएस संगठन ने दो से छह सितंबर के बीच काला सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है।
सोमवार को विरोध दर्ज करने वालों में डॉ सिमरन जीत कौर. डॉ गुमान सिंह भंडारी. सत्य प्रकाश सिंह, डॉ हर्षमणि, अजय राणा,सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में विभिन्न जगहों पर विरोध दर्ज किया।

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