नई दिल्ली। चुनाव लड़ने की चाह रखने वाले उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता पर सुप्रीम कोर्ट होली के बाद सुनवाई करेगा। उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने की न्यूनतम शिक्षा योग्यता, अधिकतम आयु सीमा और उनके मापदंड निर्धारण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट होली की छुट्टी के बाद सुनवाई करेगा।
जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट जनप्रतिनिधियों (सांसदों या विधायकों) की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की मांग वाली याचिका खारिज कर चुका है। तब के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा था कि, ‘आप अपनी याचिका पर यह आदेश मांग रहे हैं कि सांसदों और विधायकों के लिए न्यूनतम योग्यता होनी चाहिए। इस पर संसद निर्णय लेगी। हम इस पर फैसला नहीं कर सकते।
बता दें कि वकील दिनेशराय द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि, चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करने के लिए चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार को निर्देश जारी किया जाए। इसके साथ ही वकील दिनेशराय द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट से आयु सीमा निर्धारित किए जाने की मांग की गई थी।
इसके अलावा, याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधान का भी उल्लेख किया गया था, जो भ्रष्ट आचरण से संबंधित है। इसमें उम्मीदवारों और उनके एजेंटों जैसे उनके साथ जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भी चुनाव कानून के तहत मुकदमा चलाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस याचिका की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट होली की छुट्टी के बाद करेगा।