ऋषि कुमारों सहित आश्रम प्रबन्धन से जुड़े सभी लोगों को हिमालय प्लांट बैंक श्याम स्मृति वन उत्तरकाशी द्वारा गिलोय भेंट की

गिलोय को राष्ट्रीय औषधि बनाने हेतु परमार्थ निकेतन में सूक्ष्म मंथन व संकल्प लिया गया व ऋषि कुमारों सहित आश्रम प्रबन्धन से जुड़े सभी लोगों को हिमालय प्लांट बैंक श्याम स्मृति वन उत्तरकाशी द्वारा गिलोय भेंट की गयी। परमार्थ निकेतन परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि औषधीय गुणों से युक्त गिलोय मानव जीवन को हर तरह के रोगों से छुटकारा दिलाकर रोगमुक्त करती है। गिलोय एक ऐसी औषधि है, जिसे अमृत तुल्य वनस्पति माना जाता है। इस अवसर पर उन्होंने प्रताप पोखरियाल द्वारा पर्यावरण व मानवता के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। हिमालय प्लांट बैंक के अध्यक्ष पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल द्वारा अवगत कराया कि उनके द्वारा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कोरोना महामारी से लड़ने वाले कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों और अन्य सुरक्षा कर्मियों के बीच 5 हजार से अधिक काढ़े के बोतलों का वितरण किया जा चुका है। हिमालय प्लांट बैंक के सदस्य डाॅ. शम्भू प्रसाद नौटियाल का मानना है कि गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) सुपर फुड के साथ ही खास औषधीय गुणों की मौजूदगी देखते हुए इसे राष्ट्रीय औषधि का गौरव प्राप्त होना चाहिए ताकि इसके प्रचार-प्रसार से इसको वृहद स्तर पर लगाया जा सकेगा व इसके नियमित सेवन से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी भी होगी। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद मुनि जी ने उत्तरकाशी में हर्बल गार्डन हेतु 900 औषधीय पौधे भी उपलब्ध कराये।

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