देहरादून । प्रदेश में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को प्राधिकरणों के चक्कर काटने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। मंत्रिमंडल ने प्राधिकरणों के पैनल में शामिल आर्किटेक्ट को 105 वर्गमीटर तक के भूखंड के भवन मानचित्र को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत कर दिया है।आर्किटेक्ट की मुहर लगने के बाद 15 दिन के भीतर भवन निर्माण कार्य शुरू कराया जा सकेगा। इससे राज्य के पर्वतीय और मैदानी, दोनों ही क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलना तय है। वहीं, सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा हो गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 30 फैसलों को मंजूरी दी गई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्र पास कराने के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भवन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया के सरलीकरण पर मुहर लगा दी गई।
प्राधिकरणों में इंपैनल्ड आर्किटेक्ट कम जोखिम श्रेणी के भवनों के रूप में मानचित्र को स्वप्रमाणित करेंगे। मानचित्र में खामी या त्रुटि मिलने पर इम्पैनल्ड आर्किटेक्ट कार्यवाही के दायरे में आएंगे। उन्हें काली सूची में डाला जाएगा। अलबत्ता भवन में सभी प्रकार के संशोधन का उत्तरदायित्व भवन स्वामी का होगा।