देहरादून। प्रदेश में सहकारी दुग्ध संघों की स्थिति सुधारते हुए दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। आंचल दूध की सप्लाई बढ़ाने को आने वाले समय में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इसकी आपूर्ति की जाएगी।
विधानसभा में सहकारिता, दुग्ध विकास, उच्च शिक्षा व प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया कि चमोली, उत्तरकाशी और श्रीनगर में दुग्ध संघ की स्थिति में सुधार दिखा है। चमोली और उत्तरकाशी लाभ की स्थिति में हैं, लेकिन श्रीनगर का घाटा कम हुआ है। यह भी पाया गया कि टिहरी की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। यह निर्णय लिया गया कि टिहरी पर विशेष फोकस किया जाएगा।
बैठक में दुग्ध संघों से दूध उत्पादन बढ़ाने की अपेक्षा की गई। दुग्ध संघों की ओर से दूध के ट्रांसपोर्टेशन पर किए जा रहे अनियमित खर्च पर नाराजगी जताई गई। पूरे प्रदेश में ट्रांसपोर्टेशन की दरें तय करने पर जोर दिया गया, ताकि डेयरी विकास विभाग में गैर जरूरी खर्च पर अंकुश लगाया जा सके। दुग्ध विकास राज्यमंत्री डॉ रावत ने सभी जिलों के दुग्ध संघ अध्यक्षों, महाप्रबंधकों और सहायक निदेशकों ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादन बढ़ाने, लोगों में जागरूकता के लिए योजना का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि लाभार्थियों तक इस लाभ अनिवार्य रूप से पहुंचना चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दुग्ध केंद्रों का दौरा करने और उत्पादन-बिक्री की स्थिति में सुधार को काम करने को कहा। डॉ. रावत ने कहा कि पशु आहार फैक्ट्री का विस्तार करते हुए ऋषिकेश के पशुलोक में पशु आहार फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी। इससे ट्रांसपोर्टेशन व्यय कम होगा। महिला डेयरी में कार्यरत महिलाओं के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। कार्मिकों के अनुशासन पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक में पौड़ी के विधायक मुकेश सिंह कोली, दुग्ध विकास सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, डेयरी निदेशक प्रकाशचंद्र, संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा, सहायक निदेशक अनुराग मिश्रा व दुग्ध संघों के अध्यक्ष, महाप्रबंधक व सहायक निदेशक मौजूद थे।