देहरादून, 15 मार्च: द वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेंटर इंडिया ने आज एमडी और डीएम (नेफ्रोलॉजी) डॉ विक्रम सिंह के साथ एक संवादात्मक वार्ता सत्र आयोजित किया। विश्व किडनी दिवस के अवसर पर ‘माई किडनीस माई हेल्थ’ नामक सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की मॉडरेटर डॉ रश्मि ढींगरा रहीं।
सत्र के दौरान, किडनी की समस्याओं व किडनी की बीमारियों के प्रभाव को कम करने के उपायों पर प्रकाश डाला गया।
डॉ विक्रम ने अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं और वर्तमान समय में बढ़ती बीमारियों के बारे में भी बताया।
डॉ विक्रम सिंह, जो नेफ्रोलॉजी में एमडी और डीएम हैं, ने बताया, “क्रोनिक किडनी डिसीज़ लंबे समय से चली आ रही बीमारी है और इसके मरीज हर साल बढ़ रहे हैं। हाई बीपी, मधुमेह और बुजुर्ग उम्र के मरीजों में सीकेडी विकसित होने की अधिक संभावना होती है। अपर्याप्त मूत्र उत्पादन या गहरे रंग का मूत्र गुर्दे की समस्या का एक संकेत है। ”
किडनी के बारे में दर्शकों को ज्ञानवर्दक जानकारी देते हुए डॉ विक्रम ने बताया, “किडनी मानव शरीर का एक अभिन्न अंग है। यदि आपको मधुमेह या उच्च रक्तचाप है, तो आप गुर्दे की बीमारी की तरफ प्रवृत्त हैं। यदि आपका किडनी फेलियर होता है, तो किडनी ट्रांसप्लांट व डायलिसिस एहम उपचार हैं। गुर्दे की कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे की गुर्दे की चोट, गुर्दे में अल्सर, गुर्दे की पथरी और गुर्दे में संक्रमण।”
आगे बताते हुए उन्होंने कहा, “सीकेडी या क्रोनिक किडनी डिसीज़ आज के युग में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है। सीकेडी का पता अक्सर तब तक नहीं लग पाता है जब तक यह बिमारी एडवांस स्टेज तक न हो जाए। सीकेडी को रोकने और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से कुछ उपायों का पालन करना लाभकारी है, जैसे की रक्त शर्करा को नियंत्रित रखना, रक्तचाप को नियंत्रित रखना, वजन काम रखना और स्वस्थ व संतुलित आहार खाना, काफी मात्रा में पानी पीते रहना, धूम्रपान व शराब के सेवन से बचना, आदि।”
दर्शकों के बीच मौजूद एक गृहिणी साक्षी घिल्डियाल ने कहा, “किडनी के स्वास्थ्य पर आज का सत्र काफी व्यावहारिक था। वर्तमान समय में गुर्दे की बीमारियाँ काफी तेज़ी से बढ़ गई हैं। इसके बारे में पर्याप्त जानकारी होना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।”