बजट सत्र के दूसरे दिन सदन से कांग्रेस विधायकों ने किया वाकआउट

देहरादून। बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जहरीली शराब प्रकरण पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा वह वक्तव्य देने का प्रस्ताव रखेंगे, जिसे कांग्रेस ने इंकार कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 310 के तहत सुनना शुरू किया। इस दौरान विपक्ष ने मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा। इस दौरान कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद कांग्रेस विधायक सदन से वाकआउट कर परिसर में धरना पर बैठ गए।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा सब को पता था शराब की भट्टियां कहां है, लेकिन आबकारी विभाग पर आरोप लगते रहे। इस मामले में सिर्फ चुनिंदा लोगों को निलंबित करने से सरकार अपने को नहीं बचा सकती है। उन्‍होंने कहा, सूबे में नौकरशाही बेलगाम हो गई है। जहरीली शराब हादसे में कई परिवार उजड़ गए हैं। सरकार निर्देश करें कि ऐसी भट्टियों की जानकारी लें और कार्रवाई की जाए।

ममता राकेश ने कहा कि जिस व्यक्ति के यहां तेहरवीं की शराब परोसने की बात गलत है, वह परिवार बहुत गरीब है। क्षेत्र में पहले से ही शराब की भट्टियां चल रही हैं। रोज लोग मर रहें हैं। उन्‍होंने कहा कि  मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं, दो लाख देने के लिए भी बिसरा रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है।

विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि लोग रिक्शों में शवों को ले जा रहे थे, लेकिन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा वहां मौजूद नहीं था। इतनी बड़ी घटना होने के बाद न तो पुलिस और न ही आबकारी विभाग जागा है। अब जैसे कार्रवाई हो रही है यदि पहले होती तो यह नौबत नहीं आती। उन्‍होंने कहा कि मुआवजा राशि काफी कम है। यह राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाए। कहा सात फरवरी की घटना थी और 11 फरवरी को एसआइटी बन रही है। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कह रहे हैं कि मौत का सामान सहारनपुर से आया है। अब कह रहे हैं कि हरिद्वार में ही जहरीली शराब बनी। अधिकारियों में आपसी समन्वय नहीं है। सरकार इसके लिए जिम्मेदार है।

भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने सरकार से मांग की है कि हरिद्वार में पूर्ण शराबबंदी हो। यह एक अच्छा कदम है। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल व करण माहरा ने आबकारी मंत्री से इस्तीफा मांगा। विधायक मनोज रावत ने कहा सोशल मीडिया पर चौबीस घंटे नज़र आने वाले अधिकारी कहां नदारद थे। सरकार ने देवभूमि को शराब भूमि बना दिया है। केदारनाथ तक में बेलगाम शराब बिक रही है। उन्‍होंने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री का इस्तीफा मांगा।

विधायक फुरकान अहमद, राजकुमार और आदेश चौहान ने चर्चा में लिया हिस्सा। उन्‍होंने मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री का इस्तीफा मांगा। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने सरकार की और से जवाब देते हुए कहा कि जब घटना की सूचना सरकार को मिली तो त्वरित गति से प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग को मौके पर भेजा गया। तत्काल जवाबदेह अधिकारियों को निलंबित किया गया। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं। लगातार कार्रवाई चल रही है। बॉर्डर एरिया में ऐसी गतिविधि चल रही है। नशा एक सामाजिक बुराई। इसे मिटाने के लिए जागरूकता जरूरी। सरकार ऐसी भट्टियों को समूल नष्ट करेगी।

आबकारी अधिनियम में इसी सत्र में नॉन बेलेबल प्रावधान बनाए जाएंगे। सरकार इस मामले में संवेदनशील है। विधायक प्रीतम सिंह ने आबकारी मंत्री के जवाब को बताया सरकार को बचाने वाला है। नियम 310 पर विस्तृत चर्चा हो। नेता प्रतिपक्ष ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा मृतकों के बच्चों को आश्रम पद्वति के स्कूल में निश्‍शुल्क शिक्षा दी जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने घटना में मृत आत्माओं के प्रति संवेदना जताई। सदन की एक समिति गठित की, जो मामले की पड़ताल करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। हंगामे के बीच कमज़ोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का विधयेक पेश किया। कांग्रेस ने हंगामा किया। इसके बाद कांग्रेस विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *