नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा विदेश से भारत लौट आई हैं। उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही लंबे वक्त से उनके राजनीति में पदार्पण की मांग भी पूरी हो गई है। प्रियंका के लौटने के साथ ही कांग्रेस मुख्यालय में उनके स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।
माना जा रहा है कि वे इसी हफ्ते कई महत्वपू्र्ण बैठक करेंगी। जिनमें आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। जानकारी के मुताबिक वे 7 फरवरी को राहुल गांधी की ओर से बुलाई बैठक में भी शिरकत करेंगी। इसके अलावा वे 9 फरवरी को प्रदेशाध्यक्षों और विधानसभा नेताओं के साथ होने वाली बैठक में भी हिस्सा लेंगी।
दो यूनिट में बांटा गया है उत्तर प्रदेश
गौरतलब है कि सपा-बसपा गठबंधन से बाहर होने के बाद कांग्रेस ने युपी के लोकसभा चुनाव में अलग रणनीति बनाई है। राहुल गांधी ने जहां एक और प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारा है तो वहीं उत्तर प्रदेश को भी चुनाव के लिहाज से दो अलग -अलग यूनिटों में बांट दिया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को सौंपी गई है तो वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी गई है।
आनंद भवन से संभालेंगी कमान
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी उप्र की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा प्रयागराज स्थित आनंद भवन से पूर्वांचल की कमान संभालेंगी। यह उनका पैतृक भवन है जिसे स्व. मोतीलाल नेहरू ने खरीदा था। इस भवन से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी की स्मृतियां जुड़ी हैं। लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के प्रवास को देखते हुए भवन को संजाने-संवारने का काम हो रहा है।
मोतीलाल नेहरू ने खरीदा आनंद भवन
आनंद भवन को स्व. मोतीलाल नेहरू ने 1899 में 20 हजार रुपये में खरीदा था। इसी भवन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू रहते थे। 1917 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म भी इसी भवन में हुआ था। 1930 में यह भवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया और समीप ही नेहरू परिवार ने स्वराज भवन के नाम से नया भवन बनवा लिया। हालांकि 1942 में आनंद भवन से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का विवाह हुआ। 1969 में इस भवन को जवाहर लाल नेहरू स्मारक निधि को दान कर दिया गया।