मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर चल रही अटकलों के बीच समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवालों से जानकारी दी है कि राज्य में कैबिनेट विस्तार 30 जून तक पूरा होगा। हालांकि, इसको लेकर अभी किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नही दी गई है। इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। सीएम शिवराज की पीएम मोदी से ये मुलाकात काफी अहम है, क्योंकि मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा चुकी है।
CM बनने के बाद पीएम से पहली आधिकारिक मुलाकात
चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद तीन महीनों में यह उनकी पीएम मोदी से पहली आधिकारिक बैठक होगी। 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद COVID-19 लॉकडाउन लगाया गय और चौहान औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री से नहीं मिल सके। आज की बैठक में, दो वरिष्ठ नेताओं के मध्य प्रदेश में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और राज्य मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार पर चर्चा करने की संभावना है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश में वर्तमान COVID-19 स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देने की उम्मीद है। दोनों के बीच आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा, चौहान प्रधानमंत्री को राज्य में किसानों की स्थिति और गेहूं की खरीद के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
रविवार को दिन भर रही गहमागहमी
शिवराज मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार के लिहाज से रविवार का दिन बेहद अहम रहा। लगभग तीन माह बाद दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभावित मंत्रियों की सूची को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लंबी चर्चा की। चौहान के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत भी गए हैं।
उधर, राज्यपाल लालजी टंडन की खराब सेहत को देखते हुए राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मप्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वे सोमवार को भोपाल आकर राजभवन में शपथ लेंगी। इसके बाद इस बात की संभावना और प्रबल हो गई है कि मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शपथ 30 जून को दिलाई जा सकती है।
क्या है सियासी गणित ?
मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान को लगभग सौ दिन पूरे हो रहे हैं, लेकिन उनकी टीम पूरी तरह गठित नहीं हो पाई है। लॉकडाउन के कारण पहले चरण में हुए विस्तार में वे पांच मंत्रियों को अपनी टीम में जोड़ पाए थे। इनमें तीन भाजपा कोटे से और दो सिंधिया कोटे से थे। इसके बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चलती रही, लेकिन पार्टी हाइकमान से अनुमति नहीं मिलने के कारण चर्चा अंजाम तक नहीं पहुंच पाई।
सिंधिया समर्थकों समेत भाजपा विधायकों के बढ़ते दबाव के कारण ऐसे समय मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट शुरू हुई है, जब सूबे के राज्यपाल लालजी टंडन अस्वस्थता के चलते लखनऊ में इलाजरत हैं। शपथ के लिए राज्यपाल का प्रभार अस्थाई तौर पर किसी दूसरे राज्य के राज्यपाल को सौंपा जाना है। उम्मीद है कि सोमवार को इस बारे में भी निर्णय हो जाएगा।