देहरादून। पुलिस की एसआइटी ने सिडकुल में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच शुरू कर दी है। एसआइटी ने घपले को उजागर करने वाली सिडकुल की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद एसआइटी आगे की जांच करेगी। हालांकि, जांच सदस्य सिडकुल में विवादित रहे अफसरों की सूची और उनके संपर्क में रहे लोगों पर नजर रखे हुए है। ताकि घोटालेबाजों पर कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने सिडकुल में 2012 से 2017 के बीच हुए करोड़ों के घोटाले, नियुक्ति फर्जीवाड़े, भूखंड और ठेके आवंटन समेत अन्य की जांच को एसआइटी गठित की है। गढ़वाल रेंज के आइजी अजय रौतेला को एसआइटी का प्रभारी बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को सिडकुल से घोटाले से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट मांगी गई। इस ऑडिट रिपोर्ट में ही गड़बड़ी पकड़ में आई थी।
ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद जांच टीम इसका अध्ययन करेगी। इसके बाद इसमें आरोपितों की भूमिका तय की जाएगी। इसी के आधार पर एसआइटी आगे की जांच शुरू करेगी। सिडकुल में करोड़ों के घोटालों के आरोप लगने के बाद विवादों में आए आइएएस, पीसीएस और दूसरे अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी एसआइटी की नजर है। एसआइटी इन सब की सूची तैयार कर रही है।
खासकर लंबे समय से सिडकुल में तैनाती के दौरान करोड़ों के ठेके के वर्क ऑर्डर, उप्र निर्माण निगम के साथ सांठ-गांठ करने के आरोपों में फंसे अफसरों को भी जांच में शामिल किया गया है।
एक माह में देनी है रिपोर्ट
एसआइटी को सिडकुल घोटाले की जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर देनी है। इसमें दून के अलावा हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर में हुए निर्माण कार्यों, भूखंड आवंटन समेत अन्य का विवरण जुटाना है। इसके लिए एसआइटी में अलग-अलग जिलों के अधिकारियों को तैनात किया गया है। ताकि समय पर सभी सदस्य जरूरत के हिसाब से जानकारी जुटा सकें।
सीबीआइ और विजिलेंस का अनुभव
एसआइटी में शामिल किए गए सदस्यों के पास सीबीआइ से लेकर विजिलेंस में भ्रष्टाचार की जांच का अनुभव है। सूत्रों का कहना है कि एसपी विजिलेंस और एसएसपी एसटीएफ रहे ऊधमसिंहनगर के एसएसपी बरिंदरजीत सिंह, सीबीआइ में प्रतिनियुक्ति पर रहे इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह, विजिलेंस में रहे इंस्पेक्टर मठपाल आदि एसआइटी में शामिल किए गए हैं। जांच टीम में अनुभवी अफसरों को शामिल करने से सिडकुल में तैनात रहे विवादित अफसरों की नींद उड़ी है।