दयारा बुग्याल में ग्रामीणों संग पर्यटकों ने खूली दूध-मक्खन की होली
उत्तरकाशी,
उत्तरकाशी में दयारा बुग्याल में प्रसिद्ध अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) शुक्रवार को धूमधाम से मनाया गया। इस लोक उत्सव में मक्खन-मट्ठा की होली खेलने के साथ ही प्रकृति की पूजा की गई। खास तरह के इस लोक उत्सव में पहुंचे पर्यटक और स्थानीय ग्रामीणों ने मखमली बुग्याल में मठ्ठा व मक्खन की जमकर होली खेली और इन लम्हों को यादगार बनाया। इस उत्सव को मनाने के लिए उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, ऋषिकेश आदि कई स्थानों से पर्यटक भी पहुंचे। साथ ही रैथल, नटीण, भटवाड़ी, क्यार्क और बंद्राणी से भी ग्रामीण सोमेश्वर देवता की डोली के साथ दयारा बुग्याल पहुंचे।
दयारा पर्यटन उत्सव समिति की ओर से आयोजित बटर फेस्टिवल में पहुंचे मुख्य अतिथि गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और विशिष्ट अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र राणा का ब्रह्मकमल की माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके बाद सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा-अर्चना की गई, जिसमें कृष्ण के स्वरूप नब्बी बर्तवाल व राधा बनी किरन नेगी के साथ समिति के पदाधिकारी शामिल हुए।
सोमेश्वर देवता की पूजा-अर्चना के बाद मटकी फोड़ कार्यक्रम के लिए मक्खन और मठ्ठे को सबसे पहले देव डोली के समक्ष रखा गया। इस दौरान लोक गायक सुरेंद्र राणा व गायिका सीमा पंगरियाल ने कान्हा तेरी मुरली बजी, गोपियों के संग..आदि भजनों व लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। पिचकारियों से हवा में उछलती मठ्ठे की धार और एक-दूसरे के गालों पर मक्खन मलते लोगों ने जमकर होली खेली।
गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान और समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने कहा कि उच्च हिमालय के इस बुग्याल क्षेत्र में पशुपालक अपने पशुओं के साथ रहते हैं। प्रकृति उनके साथ उनके पशुओं की रक्षा करती है। प्रकृति से मिलने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ के बदले प्रकृति का आभार जताने के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। उन्होंने सभी को बटर फेस्टिवल की बधाई दी। छानियों में खीर बनाकर उत्सव मनाया गया।
आयोजन के लिए देहरादून सहित कई अन्य शहरों से बड़ी संख्या में युवा पहुंचे। देहरादून से पहुंचे अनीश ने बताया कि वह पहली बार बटर फेस्टिवल में आए हैं। उन्हें सोशल मीडिया से इस आयोजन की जानकारी मिली। दून से ही पहुंचे करन ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ यहां पहुंचे हैं। बताया कि उन्हें यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत पंसद आया है। रैथल गांव से दयारा तक जाने वाले आठ से 10 किमी लंबी ट्रैक पर भी युवा उत्साह से आगे बढ़ते नजर आए।
बटर फेस्टिवल के लिए दून से लक्ष्मी बिष्ट लड्डू गोपाल जी की मूर्ति के साथ पहुंचीं। उन्होंने पूरा ट्रैक भी लड्डू गोपाल की मूर्ति को हाथ में थामे ही किया। लक्ष्मी बिष्ट ने बताया कि वह कान्हा जी की अनन्य भक्त है। यह बटर फेस्टिवल कृष्ण व राधा को समर्पित है। इसलिए वह लड्डू गोपाल जी की मूर्ति को खासतौर पर लेकर आई हैं।