देहरादून। शहर के किसी एक चौक का नाम महाग्रंथ रामायण के रचयिता भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर रखे जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड वाल्मीकि अम्बेडकर महासभा ने नगर निगम के महापौर सुनील उनियाल गामा को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर महासभा के संरक्षक सोमचन्द्र छाछर का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जिस तरह देश के करोड़ों हिन्दुओ की आस्था के प्रतीक हैं, उसी भगवान श्री राम को अस्तित्व में लाने वाले महाकाव्य रामायण के रचयिता भगवान वाल्मीकि भी हिन्दुओ के पूज्य है। देश के विभिन्न राज्यों में भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर ना केवल चौराहों के नाम रखे गए हैं बल्कि देश भर में उनके असंख्य भव्य मंदिरों का निर्माण भी किया गया है। किन्तु बडे आश्चर्य की बात है कि उत्तराखंड जो कि देवभूमि के रूप में विख्यात है, यहां भगवान वाल्मीकि जी का भव्य मंदिर नहीं है। यही नहीं राजधानी देहरादून जहां वाल्मीकि समाज के हचारो लोग निवास करते हैं वहां भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर एक भी चौक नहीं है। महोदय, नगर निगम देहरादून की प्रथम निर्वाचित मेयर श्रीमती मनोरमा डोबरियाल शर्मा जी के कार्यकाल में भी तत्कालीन निगम बोर्ड की बैठक में भी शहर में एक चौराहे का नाम भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। वहीं भाजपाई बोर्ड में भी आईएसबीटी के समीप भगवान वाल्मीकि चौक का प्रस्ताव पारित किया गया था और इस चौक का उद्घाटन तत्कालीन मेयर एवं वर्तमान विधायक श्री विनोद चमोली जी द्वारा किया गया था। किन्तु वहां पर वर्तमान में फ्लाईओवर का निर्माण होने से वाल्मीकि चौक का अस्तित्व समाप्त हो गया है। शहर में भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर एक चौराहे का नाम होना वाल्मीकि समाज ही नहीं अपितु संपूर्ण हिन्दू समाज की आस्था से जुड़ा प्रश्न है। इसलिए संपूर्ण हिन्दू एवं वाल्मीकि समाज की ओर से उत्तराखंड वाल्मीकि आम्बेडकर महासभा आपसे मांग करती है कि शहर में एक चौराहे का नाम भगवान वाल्मीकि जी के नाम पर रखे जाने का प्रस्ताव निगम की बोर्ड बैठक में पास कराकर शीघ्र ही उक्त चौराहे का उद्घाटन किया जाए। ज्ञापन देने वालों में जयपाल बाल्मीकि, आशीष छाछर,पार्षद विशाल कुमार, साकेत बाल्मीकि, नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजेश कुमार, श्याम कुमार, दिनेश चारन, विपिन कुमार, जसविर सिंह, विनोद, पूनम जाटव, गोविंदा, सुधीर कुमार, सुशील कुमार आदि शामिल रहे।