अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की अवसर पर एसएफआई ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पोस्टर प्रदर्शनी लगाई। डीएवी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अजय सक्सेना ने महिला अधिकारों के लिए एकजुट होने का आहवाहन किया ।

देहरादून–अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(एसएफआई) ने डीएवी महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया।

जिसका अवलोकन करते हुए  डीएवी प्राचार्य डॉक्टर अजय सक्सेना ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि एसएफआई सदैव से महिला हितों व महिला मुद्दों पर संघर्ष करती आई है ।आज शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए बने समितियां भी इसी संगठन के प्रयासों का नतीजा है ।

उन्होंने छात्र-छात्राओं को आह्वान करते हुए कहा कि वे महिला समानता के अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलन्द करें ।

अर्थशास्त्र विभाग की प्रवक्ता डॉ. सीखा नागलिया ने कहा कि आज महिलाओ में लम्बे संघर्ष के बाद देश और दुनिया में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है इस के मूल में लम्बे संघर्षो का इतिहास है जिसे महिला-पुरुषों ने मिलकर हाशिल किया है ।
अंग्रेजी विभाग के प्रवक्ता डॉ.एच एस रंधावा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुभ कामनाएँ देते हुए  कहा  कि पुरुष और महिला एक सिक्के के दो पहलू है दोनों के साथ चलने से इस समाज का समग्र विकास संभव है। उन्होंने  कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर एस.एफ.आई के प्रदेश सचिव देवेंद्र रावल ने कहा कि अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पितृसत्ता एवं रूढ़िवादी परंपराओं के खिलाफ एकजुट लड़ाई का संकल्प दिवस है महिला आंदोलनों के कारण आज समाज का जनवादीकरण हो रहा है उन्होंने कहा है कि शासक दलों ने हमेशा महिलाओं को पीछे धकेलने का काम किया है तथा महिला हिंसा में सदैव से रूढ़िवादी परंपराये रही है
एसएफआई राज्य कमेटी सदस्य सुप्रिया भंडारी ने कहाँ कि महिलाओं पर हिंसा और असमानता का व्यवहार तो सदियों से है परंतु समाज विज्ञान का नियम है जिसमे समाज धीरे-धीरे जनवादीकरण की ओर बढ़ता है शोषितों, वंचितों की चेतना आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाते है। पूरी दुनिया की तरह भारत मे भी महिलाओं के आंदोलनों के कारण संविधान मे में महिलाओं को हक़ मिले है ।
जिला सचिव हिमान्शु चौहान ने कहाँ की आज पूरे देश मे चरमपंथी आंदोलन महिलाओं को फिर से रूढ़िवादी परंपराओं की तरफ धकेलने का कुप्रयास कर रही रही इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है ।
पोस्टर प्रदर्शनी में छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सेदासरी की तथा प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से सोनाली, सुमन, इंदू नेगी, मानसी, निवेदिता, अभिनंदित राणा, शालिनी बिष्ट, वंदना, मनीषा, कामना, तोशिबा, शैलेन्द्र परमार, दीपक, हिमान्शु खाती, संजय, मनोज आदि उपस्थित थे ।

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