ऋषिकेश। आज एम्स निष्कासित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा का पांचवें दिन धरना जारी रहा जिसमें पूर्व दिनों की भांति आज भी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तराखंड ,अटल सेना यमकेश्वर विकास समिति एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कर्मचारियों को पूर्ण समर्थन और सहयोग दिया गया।
एम्स प्रशासन द्वारा जो बार-बार पेपरों में अपनी अपनी सफाई पेश करना सवालिया निशान खड़ा करता है। उनका कहना है कि इन कर्मचारियों की जगह हमने नई भर्ती कर लिए अगर वास्तव में एम्स प्रशासन पाक साफ है तो अपनी सफाई क्यों पेश करें और क्यों ऐसी आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। इससे लगता है कि एम्स प्रशासन में है अंदर ही अंदर कुछ तो जरूर पक रहा है।
जिससे कि उनके चहेते कर्मचारी बार बार धरना स्थल के चक्कर काट रहे हैं तथा निष्कासित कर्मचारियों को कई प्रकार के प्रलोभन दिए जा रहे हैं जिसकी वक्ताओं ने कड़ी निंदा की साथ ही यह भी कहा कि यह आंदोलन धीरे धीरे चरम सीमा पर पहुंच रहा है एम्स प्रशासन के पुतले जलाए जाएंगे एवं धरने प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा।
इसी क्रम में आज धरने प्रदर्शन में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के समस्त लोग इस धरने में शिरकत करेंगे तथा एम्स प्रशासन के खिलाफ पोल खोल अभियान भी चलाएंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एम्स प्रशासन की होगी वक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की है कि पूर्ववर्ती सरकार में तथा स्थानीय निवासियों को 70% का लाभ दिया जाए एवं एम्स से निष्कासित कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि जिन युवाओं को वहां से निष्कासित किया गया उनको बिना नोटिस दिए बिना सूचना दिए बाहर कर दिया गया जो कि बहुत बड़ा प्रश्न है जितने कर्मचारियों को निकाला गया।
उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों की एम्स निदेशक से खासी पकड़ थी कुछ लोगों को पुनः समायोजित किया गया कुछ कर्मचारियों को पुनः समायोजित करना भी एक प्रश्न खड़ा होता है वक्ताओं ने एक स्वर में मांग की कि जब तक इन कर्मचारियों की बहाली ना की जाए तब तक यह आंदोलन अनवरत चलता रहेगा। राइट टू हेल्थ के सदस्य अरविंद हटवाल ने कहा है कि एम्स निदेशक रविकांत की साजिश मोदी जी को बदनाम करने की है ।