जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने वनाग्नि के नियंत्रण के लिए वन विभाग से ठोस कार्यवाही की अपेक्षा करते हुए निर्देशित किया है कि वनाग्नि के दृष्टि से संवेदनशील ग्राम पंचायतों चिन्हित करते हुए ऐसे क्षेत्रों में जनजागरूकता बढ़ाने और वनाग्नि नियंत्रण के लिए प्रभावी रणनीति बनाये जाए।
जिलाधिकारी ने एनआईसी सभागार में वन विभाग व वनाग्नि से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेते हुए वनाग्नि के नियंत्रण के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए।वनों को आग से बचाने के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने और जनजागरूकता बढ़ाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि पिछले वर्ष के भांति इस बार वनों में आग कम लगें, इसके लिए रणनीति तैयार कर ली जाए। इस बार भी वनों में आग लगने की घटनाएं कम से कम हों ओर आग पर काबू पाने के लिए जरूरी उपकरण,सामग्री तथा अन्य व्यवस्था के उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि आग पर काबू पाने में कोई समस्या न आये।ग्राम पंचायत स्तर पर वन प्रहरी एवम वन पंचायत सरपंच वनाग्नि नियंत्रण के लिए जरूरी उपकरणों के साथ तैयार रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत स्तर पर गोष्टीयां आयोजित कर जनजागरूकता का प्रसार करने के साथ ही घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस,एसडीआरएफ,राजस्व विभाग, वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जनजागरूकता हेतु अभियान संचालित निर्देश दिए।स्कूलों में वनाग्नि रोकथाम से सम्बंधित चित्रकला,निबंध आदि प्रतियोगिता प्रत्येक सप्ताह आयोजित कराए जाएं।
जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से तथा ग्राम पंचायत से वनाग्नि के नियंत्रण में पूर्ण सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि अपने समृद्ध एवम वन संपदा को बचाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है।साथ ही कहा कि आग लगाने की घटनाओं में जो लोग लिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
बैठक में डीएफओ पुनीत तोमर,मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार,एसडीएम भटवाड़ी चतर सिंह चौहान,एसडीएम डुंडा मीनाक्षी पटवाल, जिला विकास अधिकारी केके पंत व यमुनावैली से अधिकारी वर्चुअल के माध्यम से जुड़े रहे।