नई दिल्ली। Pulwama Terror Attack, पुलवामा आतंकी हमले को लेकर देश में गुस्से की लहर है। पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी हो रही है और पड़ोसी मुल्क को इस कायराना हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की मांग उठ रही है। इस बीच लाहौर में सार्क देशों के डॉक्टर्स की कॉन्फ्रेंस में जा रहे भारतीय डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने अपना पाकिस्तान दौरा रद कर दिया है। पुलवामा हमले के मद्देनजर भारतीय डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने 13वें सार्क-एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट कांग्रेस में शामिल होने से इन्कार कर दिया।
7 मार्च को लाहौर में सम्मेलन
यह सम्मेलन सात मार्च को लाहौर में होने वाला है। इसका आयोजन पाकिस्तान सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक समिति द्वारा किया जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों के 13 डॉक्टर इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन पुलवामा हमले के बाद अब लाहौर कोई नहीं जा रहा है।
पुलवामा हमले के चलते यात्रा की रद
भारतीय डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले डॉ.तेज कौल ने बताया, ‘पाकिस्तान प्रयोजित आतंकी हमले के चलते हमने अपनी लाहौर यात्रा को रद करने का फैसला लिया है। छह मार्च को प्रतिनिधिमंडल लाहौर जाने वाला था।’ भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी मेजबानों को सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता भी जता दी है। इसके जवाब में पाकिस्तानी मेजबानों की ओर से एक डॉक्टर ने लिखा, ‘मैं समझ सकता हूं। एनेस्थीसिया देकर इस पागलपन का शिकार नहीं होना चाहता, लेकिन यही जीवन है। इस हिंसा के पीड़ितों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’
पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ लोगों को गुस्सा बढ़ गया है। भारत सरकार इस हमले के साजिशकर्ताओं, जिन्हें पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है, उन्हें सख्त से सख्त सजा देने का विकल्प तलाश रही है। इस हमले को जैश-ए-मुहम्मद ने अंजाम दिया है और इसका आका मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान में पल-बढ़ रहा है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्ज वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमले की साजिशकर्ताओं को छोड़ा नहीं जाएगा।