देहरादून। बेटी के विवाह से एक दिन पहले तहसील प्रशासन की टीम ने बकायेदार पिता को राजस्व हवालात में डाल दिया। तहसील प्रशासन की कार्रवाई से गुस्साए परिवार के लोगों ने तहसील में खूब हंगामा काटा। घंटों हंगामें के बीच कुछ बकाया भुगतान करने के बाद देर शाम तहसीलदार ने बकायेदार को छोड़ दिया।
दरअसल, बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान तहसील प्रशासन की टीम खुड़बुड़ा निवासी अरुण कुमार को उठा ले आई। अरुण कुमार के नाम पर पांच लाख 10 हजार रुपये की राशि बकाया है। उनकी पत्नी गीता देवी अन्य रिश्तेदारों के साथ तहसील पहुंची और पति को छोड़ने की गुहार लगाने लगीं।
उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की शादी है और घर में मेहंदी की रस्म होनी है। लेकिन, तहसील के अधिकारियों ने बकाया राशि का भुगतान करने के बाद ही उन्हें छोड़ने की बात कही। कुछ घंटे बाद गीता देवी ने किसी तरह 30 हजार रुपये की व्यवस्था की और राजस्व संग्रह को भुगतान किया। लेकिन, राजस्व संग्रह ने इस भुगतान की रसीद पति के बजाय पत्नी के नाम पर काट दी। क्योंकि पत्नी के नाम पर भी पहले से डेढ़ लाख रुपये का बकाया था। जब गीता देवी ने पति को छोड़ने की मांग की तो अधिकारियों ने असमर्थता जताई और पति के लिए अलग से बकाया भुगतान करने की शर्त रखी, जिसके बाद गीता देवी व उसके रिश्तेदार भड़क उठे।
तहसील परिसर में करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद तहसीलदार मुकेश चंद्र रमोला ने बकायेदार को छोडऩे के आदेश दिए। हालांकि, पति-पत्नी को शेष बकाये का शीघ्र भुगतान करने की भी सख्त हिदायत दी गई।
बकायेदारों पर प्रशासन का छापा, 12 को पकड़ा
तहसील प्रशासन ने बैंकों के बकायेदारों के खिलाफ बड़े स्तर पर छापेमारी अभियान चलाया। प्रशासन की टीम ने 14 बड़े बकायेदारों के घर पर छापा मारा, जिनमें से 12 बकायेदारों को पकड़कर अधिकारी अपने साथ तहसील ले आए और उन्हें राजस्व हवालात में बंद कर दिया गया। जबकि दो बकायेदारों के मौके पर ही कर्ज अदा करने के बाद छोड़ दिया गया। बाद में हवालात में डाले गए बकायेदारों में से भी आठ को भुगतान करने पर छोड़ दिया गया।
मंगलवार सुबह तहसीलदार देहरादून मुकेश चंद्र रमोला के नेतृत्व में टीम ने कौलागढ़ रोड, गढ़ी कैंट, इंदिरा कॉलोनी, नेशविला रोड, मोहब्बेवाला, खुडबुड़ा समेत कई अन्य क्षेत्रों में बकायेदारों के घरों पर छापे मारे। इस दौरान 14 बकायेदारों को घर से पकड़ लिया गया और उनसे बकाया राशि का मौके पर भुगतान करने को कहा गया। इनमें दो बकायेदारों ने मौके पर ही समस्त बकाया राशि का भुगतान कर दिया। लेकिन, शेष 12 बकायेदारों द्वारा भुगतान नहीं करने पर टीम सभी को उठाकर तहसील ले आई। देर शाम तक बकायेदारों के परिवार के लोग बकाया भुगतान करने के लिए तहसील पहुंचते रहे और भुगतान के बाद उन्हें छोड़ा जाता रहा। इस तरह आठ बकायेदारों के परिजनों के भुगतान करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया, जबकि चार बकायेदार अभी भी राजस्व हवालात में हैं।
इस कार्रवाई में तहसील प्रशासन की टीम ने कुल 14.7 लाख रुपये का राजस्व वसूल किया। तहसील प्रशासन की टीम में अपर तहसीलदार भगवती प्रसाद जगूड़ी, नायब तहसीलदार जसपाल सिंह राणा, संग्रह अमीन गिरिजा शंकर चतुर्वेदी शामिल रहे।
18 लाख रुपये तक का बकाया
तहसीलदार ने बताया कि बकायेदारों में सर्वाधिक सुरेश कुमार पर 18.5 लाख रुपये का बकाया था, जिसे आठ लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करने पर छोड़ा गया। इसके अलावा पकड़े गए बकायेदारों में प्रवेश सोनकर, दिनेश कुमार, विजेंद्र सिंह, विक्की थापा, फौजी सिंह, अरुण कुमार, अभिषेक बलूनी को भी बकाये का आंशिक भुगतान करने पर छोड़ा गया। जबकि, अमरजीत सिंह, राजीव शाही, भरत कुमार, इशरार को हवालात में बंद रखा गया है। तहसीलदार ने कहा कि अलोरा बेकर्स (राजपुर रोड) के खिलाफ भी कुर्की की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन आकस्मिक कारणों के चलते दो-तीन दिन के लिए कार्रवाई टाली है। कहा कि ये सभी बकायेदारों ने लंबे समय से विभिन्न बैंकों के बकाये का भुगतान नहीं किया है।