उत्तरकाशी :
विश्व आर्द्र भूमि (वेटलैंड्स) दिवस के अवसर पर पी एमश्री राजकीय इंटर कॉलेज मातली में नौला फाउंडेशन के तत्वाधान में जागरूकता कार्यशाला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन प्रधानाचार्य संदीप भट्ट एवं संजय शाह के द्वारा किया गया। जिसमें प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान कुमारी एंजेल कक्षा 11, कमारी आंचल कक्षा 10 व कुमारी निकिता कक्षा 10 ने प्राप्त किया इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ.शम्भू नौटियाल व अन्य विषय विशेषज्ञ राजेश जोशी,संजीव कुमार डोभाल ने बताया की हिमालयी क्षेत्र में एक विशाल स्प्रिंग बायोडायवर्सिटी जल सभ्यता मौजूद हैं जिसे पुनर्जीवित करके दुनिया के सामने लाया जा सकता है।हिमालयी के मिश्रित वर्षा वनों से उत्पन्न परम्परागत जल स्रोतों स्प्रिंग नौलों धारों गधेरो से बनी छोटी छोटी नदियाँ एक जटिल वेब बनाती है जो गंगा बेसिन समेत समस्त जलागम बारहमाह जल आपूर्ति की रीढ़ है । मिश्रित जंगल न केवल पानी को संरक्षित करते है बल्कि जल संपदा को भी बनाये रखते है। स्थानीय समुदाय ही इन्हीं वन सम्पदा का असल हितधारक है। नौला फाउंडेशन को राज्य स्तरीय सतत जल प्रबंधन पर वर्ष 2023 का उत्तराखंड राज्य सरकार (CPGG) द्वारा (UNDP – SDG) एस डी जी अचीवर्स पुरुस्कार से सम्मानित किया गया हैं। हिमालय की आबादी पानी की जरूरतों के लिए प्राकृतिक स्रोतों जैसे गाड़-गदेरे, नौले-धारे आदि पर निर्भर है। स्प्रिंग जैव विविधता के लगातार कम होने से जल संकट गहराता जा रहा है। मौसम को बिगाड़ने और संतुलित करने में इन हिमालयी क्षेत्रों की अहम भूमिका होती है, लेकिन जैसे जैसे स्प्रिंग जैव विविधता कम होती जा रही है, जलस्रोत सिकुड़ते जा रहे हैं। इस अवसर पर अजय प्रकाश नौटियाल, राजबीर रांगड, प्रकाश विद्वान, बलवीर राणा, देवराज बलूनी, मुकेश नौटियाल, महावीर व्यास सहित व छात्र छात्राएं उपस्थित थे।