काशी विश्वनाथ गुरुकुल के तत्वाधान में पारंपरिक खेलों के मौलिक रूप को किया प्रदर्शित।

उत्त्तरकाशी,

श्री काशी विश्वनाथ गुरुकुलम् के “षष्ठम् सत्र” में आज 16 जून 2024 को पारंपरिक खेलों को उनके मौलिक रूप में बाबा के उद्यान में प्रदर्शित किया गया।शारीरिक खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे मानसिक, बौद्धिक सामाजिक एवम् शारीरिक विकास हेतु अत्यंत आवश्यक हैं।
खेल का प्रारंभ पारंपरिक ढोल दमाऊ के गर्जना के साथ प्रारम्भ किया गया, साथ ही साथ स्थानीय निवासी एवम् बाहर से आये हमारे अतिथि यात्रियों ने खेलों का आनंद लेते हुए हमारे पारम्परिक खेलों को समझते हुए सभी बच्चों का मनोबल भी बढ़ाया।

काशी विश्वनाथ गुरुकुलम के समस्त सदस्यों और युवाओं के लिए पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । जिसमे वर्ता तोड,मुर्गा झपट एवम् तीन टाँग की दौड़ कि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था जिसमें बालिका वर्ग में अंतरिक्षा चौहान एवम् बालक वर्ग में वरुण ने सभी प्रतियोगिताओं में बाजी मारी ।

इस पुण्य कार्य के सफल आयोजन में वरिष्ठ क्रीड़ा प्रशिक्षक शूरवीर मर्तोलिया एवं महेश उनियाल जी की प्रमुख भूमिका के साथ ही साथ पारस कोटनाला, मुकेश राणा, अंकित ममंगाई, गौरव रावत, सोमेश असवाल,सौरव रावत आदि के सहयोग से सम्पन्न किया गया ।

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