जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले को लेकर प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पाकिस्तान में निराशा है, ये कायराना हमला यही दर्शाता है। साथ ही सत्यपाल मलिक ने चेताया है कि पाकिस्तान बौखलाहट में कुछ और भी कर सकता है, इसलिए सुरक्षाबलों को सर्तक कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘देखिए, पाकिस्तान में निराशा है। राज्य में सफल चुनावों के बाद वे नए आतंकवादियों की भर्ती नहीं कर सके। कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं भी बंद हो गई हैं, इसलिए वो कुछ करना चाहते थे। हमने सभी प्रतिष्ठानों और छावनियों को सतर्क कर दिया है, क्योंकि पाकिस्तान कुछ और कर सकता है।’
भारत की ओर से जरूर कहा जा रहा है कि इस आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ है, लेकिन पाक ने इससे साफ इनकार किया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत अधिकृत कश्मीर के पुलवामा में हुआ हमला चिंता का विषय है। विश्व में कहीं पर भी होने वाली हिंसा की गतिविधियों की हम कड़ी निंदा करते हैं। इसके साथ ही बिना जांच के भारतीय मीडिया और सरकार द्वारा हमले का लिंक पाकिस्तान से जोड़े के तमाम आक्षेपों को सिरे से खारिज करते हैं। लेकिन सत्यपाल मलिक का कहना है कि पाकिस्तान बकवास कर रहा है। आतंकवादी पाकिस्तान में खुली रैलियां कर रहे हैं, कह रहे हैं कि हम कुछ करेंगे और भारत को खुले तौर पर धमकी दे रहे हैं। इसे पाकिस्तान कैसे छिपा सकता है।
हालांकि, सत्यपाल मलिक ने माना कि खुफिया एजेंसियों से चूक हुई। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘हम हाईवे पर घूम रही विस्फोटकों से भरी गाड़ी को चिन्हित करने में असफल रहे। हमें यह बात कबूल करनी होगी कि हमसे भी चूक हुई है। गाड़ी में आत्मघाती हमलावर सवार थे, यह जानकारी नहीं होना हमारे लिए चूक है। यह मैं स्वीकार करता हूं। यह आदमी(हमलावर आदिल अहमद डार) हमारे संदिग्धों की लिस्ट में शीर्ष पर था। इन लोगों को कोई भी अपने घर में शरण नहीं दे रहा था। इसलिए ये जंगल या पहाडि़यों में जाकर छिपे थे। हम आदिल के बारे में जानते थे, लेकिन हम उसका पकड़ नहीं पाए।’
राज्यपाल ने बताया कि वह कश्मीर में शहीदों के सम्मान कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। दिल्ली से गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह आज शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आखिर चूक कहां हुई।